Chanakya Niti: प्रकृति जीवन में बहुत कुछ सिखाती है. पेड़-पौधे, नदी-तालाब, पुश-पक्षियां कैसे विपरीत परिस्थियों में भी अटल रहना है ये हमे इनसे सीखना चाहिए. चाहे कोई भी हो किसी के अच्छे गुणों को प्राप्त करने से हमारी सोच और कर्म में सकारात्मक असर देखने को मिलता है. यदि व्यक्ति चाहे तो आसपास मौजूद जानवरों से भी बहुत कुछ सीख सकता है. चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कुछ जानवरों के ऐसे गुण बताए हैं जिसे अगर हम अपना लें तो जीवन आसान हो सकता है और कामयाबी पाने की राह सरल हो सकती है. चाणक्य ने बताया है कि एक कुत्ते से जीवन में क्या आदतें अपनानी चाहिए आइए जानते हैं.
श्लोक के माध्यम से चाणक्य कहते हैं कि जिस तरह भूख के समय कुत्ते को जो मिलता है उसे वो खा लेता है. उसी तरह व्यक्ति को भी खाने के पीछे नहीं भागना चाहिए. अर्थात जीवन में जो प्राप्त है वही पर्याप्त है का मूल मंत्र अपनाना चाहिए. ज्यादा पाने की चाहत में हम जो मिल रहा है उसे भी खो देते हैं. जिंदगी में जिस समय जो चीजें मिलें उसमें संतुष्ट रहना सीखें. जीवन में खुशहाली बनी रहेगी.
चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की नींद कुत्ते की नींद के समान होनी चाहिए. जरा सी आहट वो कुत्ता नींद से जाग जाता है. वैसे ही व्यक्ति को जरुरत पड़ने पर तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. व्यक्ति हमेशा सुरक्षित रहता है.
जग जाहिर है कि कुत्ता अपने मालिक के लिए कितना वफादार होता है. ऐसे ही व्यक्ति को अपने जीवन में काम, रिश्तों आदि में वफादार औऱ निष्ठावान होना चाहिए. आपके काम से ही कामयाबी हासिल होगी. नौकरी के परिपेक्ष्य में देखें तो सदा अपनी संस्था के प्रति वफादारी रखने वालों को सफलता मिलती है. और धोखा करने वालों का जीवन हमेशा मुश्किल में रहता है.
आचार्य चाणक्य ने श्लोक में बताया है कुत्ता एक निडर जानवर है. संकट की घड़ी में वो अपने मालिक के लिए लड़ जाता है. इसी तरह मनुष्य को भी हमेशा बहादुर और साहसी बनना चाहिए. डर मनुष्य को दुर्बल बनाता है. इसलिए हमेशा निडर रहें. विपरित परिस्थितियों में घबराना नहीं चाहिए