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बस्तर ; Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में मौजूद बस्तर विधानसभा राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जाता है। BJP और कांग्रेस के सभी बड़े नेता बस्तर के ही निवासी हैं। इस विधानसभा में सबसे ज्यादा आदिवासियों की संख्या है। ऐसे में सभी राजनीतिक दल आदिवासी नेताओं को पहली प्राथमिकता देते हैं। छत्तीसगढ़ की सियासत का रास्ता भी बस्तर से होकर ही गुजरता है। यहां विधानसभा की 12 और लोकसभा की एक सीट है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बस्तर के जगदलपुर में आम जनसभा को संबोधित किया। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर तेज हो गया।
पीएम मोदी के दौरे के बीजेपी के नेताओं की ओर सफल बताया जा रहा है। जिस दिन पीएम मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा था। उसी दिन सत्ता पर काबिज की ओर से बंद का ऐलान किया गया था। ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि उनका बंद सफल रहा। वहीं बीजेपी का कहना है कि पीएम मोदी की रैली में 1.50 लाख लोग मौजूद रहे। बंद पूरी तरह कामयाब नहीं रहा।
BJP के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप (Kedar Nath Kashyap) ने कहा कि पीएम मोदी का दौरा सफल रहा। इसे रोकने के लिए कांग्रेस की ओर से बंद का हथकंडा अपनाया था, वो पूरी तरह से फेल हो गया। इस पूरे बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध को लेकर बंद का ऐलान किया गया था, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। बीजेपी का कहना है कि पीएम मोदी के कार्यक्रम के राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम नहीं पहुंचे हैँ। इस पर उन्होंने संघीय ढांचे के अपमान का आरोप लगाया है।
बस्तर से मिलती है छत्तीसगढ़ की सत्ता
छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी बस्तर संभाग के पास है। कहा जाता है कि राज्य में अगर सत्ता में वापसी करना है तो बस्तर का किला फतह करना बेहद जरूरी है। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीट है। जिनमें से 29 सीटें आदिवासियों के लिए सुरक्षित है। इन 29 में से 12 सीटें बस्तर संभाग से आती है। बस्तर एक आदिवासी बाहुल्य वाला इलाका है।
बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में 11 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति और एक सीट सामान्य है। इनमें बस्तर, कांकेर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर सभी सीटें अनुसूचित जनजाति की आरक्षित हैं। वहीं जगदलपुर विधानसभा सीट सामान्य है।