छत्तीसगढ़ में 1 लीची की कीमत 1 हजार रुपए, रेट सुनकर उड़ गए होश

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जशपुर नगर. अमूमन लीची की कीमत सीजन में प्रति किलो 50 से 150 रुपए तक होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक बागान मालिक ने 1 लीची की जो कीमत लगाई, वह सुनकर सबके होश उड़ गए। बागान मालिक ने टूटी हुई 40 लीची सामने रखकर 40 हजार रुपए की डिमांड की, यानी एक लीची की कीमत 1 हजार (Litchi rate) रुपए पड़ी। दरअसल कुछ बच्चों ने बागान में घुसकर लीची (Litchi) तोड़ी तथा पेड़ों को नुकसान पहुंचाया था। बागान मालिक ने बच्चों को पकड़ लिया और उनकी पिटाई कर अपने घर पर बैठा लिया। परिजनों को जब यह खबर लगी तो बागान मालिक ने 40 लीची के 40 हजार रुपए मांगे। अभिभावक 10 हजार रुपए तक देने को तैयार हो गए थे। अंत में मामला पुलिस तक पहुंचा और बच्चों को छोड़ दिया गया।

जशपुर जिले के तपकरा थाना अंतर्गत ग्राम सिंगीबहार निवासी व्यवसायी परमेश्वर साहू के निजी बागान में लीची के फल लदे हुए हैं। 2 दिन पूर्व सिंगबहार से लगे ओडिशा के लुलकीडीह बिछीटोली निवासी 7-8 बच्चे बागान में घुस आए और लीची तोडऩे लगे।बागान मालिक को यह बात पता चली तो बच्चों को पकडक़र पिटाई की और उन्हें अपने घर पर बैठा लिया। इस बात की जानकारी जब बच्चों के अभिभावकों को लगी तो वे व्यवसायी के घर पहुंच गए और बच्चों को छोडऩे की मिन्नतें करने लगे। इस दौरान बागान मालिक ने बच्चों द्वारा तोड़े गए लीची की गिनती की तो कुल 40 निकले।

40 लीची के मांगे 40 हजार रुपए
बागान मालिक ने 40 लीची के बदले बच्चों के परिजनों से 40 हजार रुपए की डिमांड की गई। यह सुनते ही उनके होश उड़ गए। 1 लीची की कीमत 1 हजार रुपए पड़ रही थी। उन्होंने बागान मालिक से कहा कि ये रकम तो बहुत ज्यादा है। इस पर लीची मालिक ने कहा कि बच्चों ने पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया है।

10 हजार रुपए देने को थे तैयार
बच्चों के अभिभावक मामले को रफा-दफा करने 10 हजार रुपए तक देने को तैयार हो गए। यानी वे 1 लीची की कीमत (Litchi rate) 250 रुपए दे रहे थे लेकिन बागान मालिक नहीं माना और पूरे रुपए लेने पर अड़ गया। इसके बाद परिजन तपकरा थाना पहुंचे और मामले की शिकायत की।