नीतीश और तेजस्वी का हथियार छीन लेगी कांग्रेस! आरक्षण की लकीर खत्म करने का भी प्लान; क्या-क्या प्रस्ताव

Congress will snatch the weapons of Nitish and Tejashwi! There is also a plan to end the line of reservation; what proposals
Congress will snatch the weapons of Nitish and Tejashwi! There is also a plan to end the line of reservation; what proposals
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नई दिल्ली: बिहार में जातीय सर्वे के बाद से पूरे देश में ही राजनीति की दिशा अब बदलती दिख रही है। जातीय सर्वे के बाद लालू यादव, नीतीश कुमार जैसे नेताओं ने आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी यानी आरक्षण की बात कही है तो कांग्रेस अब उनसे भी एक कदम आगे बढ़ने की कोशिश में है। बीते करीब एक दशक से लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस भी अब इस मुद्दे को हाथोंहाथ ले रही है। उसे लगता है कि इस मामले में फ्रंट फुट पर रहने से वह एक ओबीसी वोटबैंक अपने समर्थन में तैयार कर सकेगी। बीते कुछ सालों में उसका मुस्लिम, सवर्ण और दलित वोटबैंक छीजता रहा है। ऐसे में अब ओबीसी वोटबैंक के जरिए ही वह अपना पिछड़ापन दूर करने की कोशिश में है।

शायद यही वजह थी कि सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की मीटिंग में पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की गई। इसके अलावा कांग्रेस शासित 4 राज्यों में जातिवार जनगणना कराने का ऐलान भी राहुल गांधी ने आगे बढ़कर किया। यही नहीं पार्टी ने यह प्रस्ताव भी रखा है कि वह सत्ता में आई तो आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगी 50 फीसदी की लिमिट को भी खत्म किया जाएगा। इसके लिए संविधान संशोधन किया जाएगा। साफ है कि आने वाले दिनों में ओबीसी आरक्षण और जातिवार जनगणना को लेकर कांग्रेस का रुख और आक्रामक हो सकता है।

राहुल गांधी ने खुद मीडिया से बात की और कांग्रेस का रोडमैप बताते हुए जातीय सर्वे की तुलना एक्सरे से की। उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए एक्सरे जैसा होगा, जिससे पता चलेगा कि कहां चोट लगी है और फिर इलाज किया जाएगा। कांग्रेस इस मामले में कितनी आक्रामक है, इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि जब ओबीसी के प्रतिनिधित्व की बात आई तो राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से हाथ खड़े करा लिए। राहुल गांधी ने कहा कि इस रूम में ही कितने ओबीसी समाज के लोग हैं, यदि हैं तो वे हाथ खड़ा करें।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के रुख से साफ है कि पार्टी अब जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण पर आक्रामक होगी। बता दें कि महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में ऐसे समुदाय हैं, जो खुद को ओबीसी की लिस्ट में शामिल करने की मांग करते रहे हैं। इन्हें लुभाने के लिए सरकारों ने आरक्षण को मंजूरी भी दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से रोक लग गई। ऐसे में लिमिट ही खत्म करने का कांग्रेस का वादा एक वर्ग को लुभा सकता है। हालांकि देखना होगी कांग्रेस कितनी आक्रामकता के साथ इसे जनता तक ले जाती है और इसका कितना असर होता है।