हरियाणा में बिजली होगी गुल, छायेगा अंधेरा, वजह जानने लायक

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पानीपत। हरियाणा में बिजली उत्पादन के लिये थर्मल प्लांट पर निर्भर रहते है जिसके लिये कोयले की आवश्यकता रहती है, लेकिन बताया जा रहा है कि आने वाले समय में कोयले की उपलब्धता में कमी आएगी जिससे बिजली उत्पादन पर संकट मंडरा सकता है. अगर हम पानीपत थर्मल पावर प्लांट की बात करे तो 8 यूनिट में से पांच यूनिट डिस्पोज कर दी गई है . 1 यूनिट डिस्पोज होने का इंतजार कर रही है जबकि दो यूनिट से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है.

कार्यकारी अभियंता राजीव ने बताया कि बताया कि इस समय थर्मल में कोयले की पोजीशन ठीक है. हर रोज कोयले के 7 रैक आ रहे है. उन्होंने बताया कि थर्मल में कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. कोई दिक्कत नहीं आ रही है. राजीव ने बताया कि निरंतर 4 से 5 कोयले के रैक आते रहते है. उन्होंने कहा कि पानीपत थर्मल की पाइप लाइन में 7 रैक है जिसके चलते हर रोज 2 रेक आने का कार्य चलता रहता है.

उन्होंने बताया कि कोयला की उपलब्धता चीफ कार्यलय पंचुकला करवाया जाता है. कार्यकारी अभियंता ने माना कि इस समय थर्मल में 4 से 5 दिन का कोयले का स्टॉक उपलब्ध है. राजीव ने यूनिट की जानकारी देते हुए बताया कि इस समय 2 यूनिट है जिसमे बिजली का उत्पादन हो रहा है. उन्होंने बताया कि थर्मल के पांच यूनिट डिस्पोज कर दी गई है.

उन्होंने बताया कि 5 यूनिट पूरी तरह से डिस्पोज हो चुकी है और छठी यूनिट को डिस्पोज करने का कार्य चल रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे ही चंडीगढ़ से छठी यूनिट की डिस्पोज की अनुमति आएगी उसे डिस्पोज कर दिया जाएगा.

कार्यकारी अभियंता ने बताया कि 8 यूनिट में से 2 यूनिट ही काम करती है

राजीव गुप्ता ने बताया कि 2 यूनिट से 250-250 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है. उन्होंने बताया कि 2 यूनिट से 12 लाख यूनिट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने माना कि कोयले की कमी तो है लेकिन अभी कोई समस्या नही आ रही है. मौके पर थर्मल के रिटायर्ड कर्मचारी ने कहा कि थर्मल की दो यूनिट चल रही हैं. बाकी डिस्पोज कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के चलते बिजली पर संकट आ सकता है.

तो वहीं, मौके पर मौजूद महिला ने बताया कि पंजाब हरियाणा में 10 से 15 दिन का कोयला उपलब्ध है. सुनने में आ रहा है जिससे आने वाले कुछ दिनों में बिजली का संकट गहरा सकता है. वहीं जब इस बारे में रेलवे कर्मचारी इंद्रजीत से बातचीत हुई तो उन्होंने कहा कि जहां 3 साल पहले 3 से 4 रेक कोयले के आते थे वहीं अब तीन-चार दिन में 1 रैक कोयले का आ रहा है जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों हो रहा है तो उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के चलते हो रहा है.

लेकिन, थर्मल के कार्यकारी अभियंता कह रहे हैं कि कोयले की कोई कमी नहीं है. बहरहाल आने वाले समय में कोयले की कमी के चलते बिजली पर संकट गहराता है या नहीं या तो समय बताएगा लेकिन कोयले की कमी तो चल ही रही है.