छत्तीसगढ़ में बाढ़ की आशंका, जिला अधिकारियों को बचाव व सुरक्षा के आवश्यक उपाय करने का निर्देश

Fear of flood in Chhattisgarh, instructions to district officials to take necessary measures for rescue and security
Fear of flood in Chhattisgarh, instructions to district officials to take necessary measures for rescue and security
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भारी बारिश के बीच महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के मद्देनजर प्रशासन को विशेष निगरानी और सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने विशेष रूप से जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में स्थिति की निगरानी के लिए प्रशासन से कहा। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

बाढ़ की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में हो रही लगातार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है जिसके मद्देनजर प्रशासन द्वारा नदियों विशेषकर महानदी बेसिन के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महानदी के जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में नदी किनारे बसे गांवों में जिला प्रशासन को विशेष निगरानी और सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन महानदी के जलस्तर पर लगातार नजर रख रहा है और नदी किनारे नीची जमीन पर बसे गांवों और बस्तियों को खाली कराने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का काम शुरू कर दिया गया है।

लगातार बढ़ रहा महानदी का जलस्तर
उन्होंने बताया, ‘‘राज्य में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर हैं। रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग स्थित सिंचाई बांध और जलाशय लबालब भरे हुए हैं। ऐसी स्थिति में बांधों और जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।’’

हीराकुंड बांध में लगभग नौ लाख क्यूसेक पानी आ रहा
अधिकारियों ने बताया कि धमतरी जिला स्थित रविशंकर जलाशय से 52 हजार क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकेंड) पानी छोड़ा जा रहा है जबकि सोंधपुर बांध से 5,000 क्यूसेक, सीकासेर से 13,400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे महानदी को 70,400 क्यूसेक पानी मिल रहा है जबकि शिवनाथ नदी के लिए यह आंकड़ा 70,000 क्यूसेक है।” उन्होंने कहा कि हीराकुंड बांध में लगभग 9,00,000 क्यूसेक पानी आ रहा है, इसलिए इसके प्रबंधन ने पड़ोसी राज्य ओडिशा में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार के अनुरोध के बाद पानी छोड़ने का फैसला किया है।

आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया
अधिकारी ने कहा कि “हीराकुंड से करीब 4,50,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है और इससे जांजगीर-चांपा और रायगढ़ में बाढ़ आ रही है।” उन्होंने बताया कि जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने आपदा राहत उपायों के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की मांग की है।