मुंबई में 1000 करोड़ के अवैध फिल्म स्टूडियोज पर चला बुलडोजर, रामसेतु और आदिपुरुष जैसी फिल्मों की हुई थी शूटिंग

Films like Bulldozer, Ramsetu and Adipurush were shot on illegal film studios worth 1000 crores in Mumbai.
Films like Bulldozer, Ramsetu and Adipurush were shot on illegal film studios worth 1000 crores in Mumbai.
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मुंबई. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने 7 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई काे अंजाम दिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा अवैध मानते हुए एक आदेश निकाले जाने के बाद मुंबई के मढ-मारवे एरिया में आधा दर्जन फिल्म स्टूडियो पर बुलडोजर चला दिया। इन स्टूडियोज ने परमिशन का गलत इस्तेमाल किया और टेम्परेरी के बजाय परमानेंट स्ट्रक्चर का निर्माण कर लिया था।

1000 करोड़ का स्टूडियो जमींदोज
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इन अवैध कंस्ट्रक्शन की शिकायत की थी। उनका आरोप है कि बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पता था कि ये कंस्ट्रक्शन इलिगल थे, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। सोमैया ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार ने अस्थायी ढांचों के नाम पर अवैध अनुमति दी थी। भाजपा नता आरोप लगा चुके हैं कि ये अवैध स्टूडियो पूर्व मंत्री असलम शेख की शह पर बने थे। मुंबई के मढ-मलाड इलाके में समुद्र किनारे बने अवैध स्टूडियो की कीमत 1000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है। किरीट सोमैया ने tweet किया के दर्जनभर स्टूडियो 2021 के दौरान बने।

रामसेतू, आदिपुरुष जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई
सूत्रों के अनुसार, इन स्टूडियो में मेगा स्टारर फिल्मों जैसे-रामसेतू, आदि पुरुष की शूटिंग हुई थी। सोमैया ने कहा-“हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसने BMC से सवाल किया कि अवैध निर्माण की अनुमति कैसे दी गई? मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इसकी जांच का आदेश देने का अनुरोध किया है।” NGT ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने पाया कि अनुमति केवल संबंधित उद्देश्य के लिए एक टेम्परेरी स्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए थी। लेकिन फिल्म स्टूडियो ने बड़े स्ट्रक्चर बना लिए, जिनमें बहुत सारे स्टील और कंक्रीट सामग्री का उपयोग किया गया था।

कोर्ट ने दिया ये तर्क
कोर्ट कहा-“हमारे आकलन में इस तरह के स्ट्रक्चर को उनके आकार और उपयोग की गई सामग्री से प्रकृति के अनुकूल नहीं माना जा सकता है।” हालांकि स्टूडियो ने दावा किया कि ये संरचनाएं पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करके तैयार की गई थीं, इसलिए, और उन्हें ईको-फ्रेंडली का माना जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट उनके इस तर्क से सहमत नहीं हुआ। बता दें कि 1 मार्च, 2021 को बीएमसी सर्कुलर के तहत फिल्म स्टूडियो को शूटिंग से संबंधित कार्य के लिए टेम्परेरी स्ट्रक्चर की परमिशन दी गई थी। हालांकि इस पर भी रोक लगा दी गई थी।