नैनीताल के जंगलों में लगी आग, रिहाइशी इलाकों पर खतरा, वायु सेना के MI-17 से पानी का छिड़काव

Fire in the forests of Nainital, threat to residential areas, water spraying from Air Force's MI-17
Fire in the forests of Nainital, threat to residential areas, water spraying from Air Force's MI-17
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Nainital Forest Fire: गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड में विभिन्न स्थानों पर जंगल में लगी आग के विकराल रूप धारण करने के बीच नैनीताल में शुक्रवार को हाईकोर्ट कॉलोनी के पास तक उसकी लपटें पहुंच गयीं, जबकि रूद्रप्रयाग जिले के जंगल में आग लगाते तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पिछले 24 घंटों में विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लगने की 31 नई घटनाएं सामने आयीं जिनमें 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. दावानल के बढ़ते कहर के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट रहने और सभी विभागों के साथ समन्वय कर उसकी रोकथाम के उपाय करने को कहा है.

नैनीताल जिला मुख्यालय के पास के जंगलों में लगी आग ने भीषण रूप ले लिया. आग से पाइन्स क्षेत्र में स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी को भी खतरा पैदा हो गया है जबकि क्षेत्र में यातायात भी प्रभावित हुआ है. वन विभाग के कर्मचारियों के साथ ही सेना के जवान भी आग पर नियंत्रण पाने में लगे हुए हैं और आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेने का प्रयास भी किया जा रहा है.

रिहाइशी इलाकों के करीब पहुंची आग

क्षेत्र के निवासी और सहायक रजिस्ट्रार अनिल जोशी ने कहा, ‘‘ पाइन्स के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया है. इससे हाई कोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, यह खतरनाक रूप से भवनों के नजदीक तक पहुंच गयी है. शाम से ही आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’’ पाइन्स के पास ही स्थित भारतीय सेना के संवेदनशील क्षेत्र तक आग के पहुंचने की आशंका को देखते हुए आग को जल्द से जल्द बुझाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए फिलहाल नैनी झील में नौकायन पर रोक लगा दी है जबकि आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने बताया, ‘‘आग को बुझाने के लिए हमने मनोरा रेंज के 40 कार्मिक तथा दो वन रेंजरों की तैनाती की है.’’

यहां वन विभाग द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में वन में आग लगने की 26 घटनाएं कुमाउं क्षेत्र में, जबकि पांच घटनाएं गढ़वाल क्षेत्र में हुईं जिनमें 33.34 हैक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ. इन घटनाओं में 39,440 रुपये की आर्थिक क्षति होने का आकलन किया गया है. पिछले साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में वन में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आयी हैं जिनमें 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और 14,41,771 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ.

तीन व्यक्ति गिरफ्तार
उधर, रूद्रप्रयाग के जखोली में दो अलग-अलग वन क्षेत्रों में कथित रूप से आग लगाते हुए तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. रूद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वनों में आग को रोकने के लिए गठित सुरक्षा दल द्वारा यह कार्रवाई की गयी. उन्होंने बताया कि जखोली के तड़ियाल गांव के भेड़पालक नरेश भट्ट को जंगल में आग लगाते हुए से मौके से पकड़ा गया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बकरियों को चराने के लिए नयी घास उगाने हेतु उसने जंगल में आग लगायी थी.