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मेरठ । दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे के 10 किमी लंबे शामली बाईपास को बरसात के बाद तारकोल डालने का काम तेजी से शुरू हो जाएगा। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक दिसंबर तक बाईपास का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
इस बाईपास के लिए बलवा, सिंभालका, शामली, सेहटा, बनत कस्बे की 36.6344 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई थी। हाईवे और शामली बाईपास के निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई की ओर से मेरठ की कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई है। पिछले तीन साल से कंपनी शामली बाईपास के लिए भूमि अधिग्रहण करने और मिट्टी और रोडी-बजरी डालने का काम रही है। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे और शामली बाईपास का निर्माण करने वाली मेरठ की कृष्णा कंपनी से जुडे़ जितेंद्र बालियान ने बताया कि 15 सितंबर तक मानसून खत्म होने के बाद शामली बाईपास पर मिट्टी-रोडी पर रोलर चलाकर तारकोल डालकर काला करने का काम किया जाएगा। इसी साल दिसंबर में शामली बाईपास काम पूरा कर लिया जाएगा।
शामली-सहारनपुर मार्ग पर साईंधाम के पास और पानीपत-खटीमा मार्ग पर तहसील से लेकर शामली-भौंराकलां मार्ग पर सेहटा गांव तक सिर्फ मिट्टी कार्य हुआ है। रोडी-बजरी का कार्य अभी बाकी है। दूसरी ओर, दिल्ली-सहारनपुर हाईवे और पानीपत-खटीमा हाईवे को जोड़ने वाले बाईपास पर मिट्टी डालने का काम चल रहा है। इस बाईपास का निर्माण कर रही जोधपुर की जीआर कंस्ट्रक्शन कंपनी पूर्वी यमुना नहर पर चार लेन का सेतु बना रही है। निर्माण एजेंसी सेतु के पिलर खड़े कर चुकी है।