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शिमला: हिमाचल में 596 पुरानी सड़कों को अब नई तकनीक से बनाया जा रहा है। पहले इन सड़कों को मशीन से उखाड़ा जाएगा। उसके बाद सड़कों पर बिछाए गए सालों पुराने गटके को निकालकर नए सिरे से बिछाया जाएगा। इन सड़कों पर पहली लेयर के बाद सीमेंट और स्टेवलाइजर मिलाकर बिछाया जाना है। सड़क के टॉप पर ब्लैक टॉप की सेमीलेयर बिछाई जाएगी। हिमाचल में पहली बार यह तकनीक अपनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार को इस तकनीक में कामयाबी मिली है। अब हिमाचल में इसे शुरू किया जा रहा है। पीएमजीएसवाई फेज तीन के तहत हिमाचल के लिए 3120 किलोमीटर सड़कें स्वीकृत हुई हैं। इनमें 596 पुरानी सड़कों को नई तकनीक से बनाया जा रहा है।
कई ऐसी सड़कें हैं, जो 50 साल पुरानी हैं। लोक निर्माण विभाग का मानना है कि हिमाचल में सालों पहले बनी कई सड़कों की हालत दयनीय है। सड़कों का लेबल ऊपर नीचे हो गया है। इन सभी सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा। सात करोड़ से नई तकनीक की मशीन को खरीदा जा रहा है। यह मशीन सड़क को उखाड़ेगी, साथ ही सड़क का लेवल बनाने के साथ साथ टारिंग भी करेगी। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि नई तकनीक से सड़कों को तैयार किया जाएगा। हिमाचल की 596 सड़कों को उखाड़ा जाना है। नए सिरे से बनाए जाने वाली यह सड़कें सालों तक टिकी रहेंगी। इनमें बार बार टारिंग करने की जरूरत नहीं पड़ेगी
हिमाचल में जुटेंगे राज्यों के इंजीनियर
सड़कों की नई तकनीक को लेकर 23 मई को विभिन्न राज्यों के इंजीनियर और अधिकारी शिमला में जुट रहे हैं। इसमें केंद्रीय एमओआरडी ज्वाइंट सेक्रेटरी अमित शुक्ला, एनआरआईटीए फेज तीन के निदेशक आईके पटेरिया, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग प्रदेश सरकार भरत खेड़ा आदि अन्य अधिकारी और इंजीनियर उपस्थित रहेंगे।