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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर शहर सहित जिले की नगर पंचायतों से निस्तारित होने वाले ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन कर बिजली बनाई जाएगी। नीदरलैंड की कंपनी के साथ इस बात का करार किया गया है। जिसके तहत किदवई नगर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा।
मुजफ्फरनगर में निस्तारित होने वाले कूड़े का प्रबंधन कर बिजली बनाए जाने के लिए काली नदी पर पुल निर्माण को साइट का अवलोकन करते नीदरलैंड की कंपनी तथा पालिका के अधिकारी साथ में एसडीएम सदर परमानंद झा।
मुजफ्फरनगर में निस्तारित होने वाले कूड़े का प्रबंधन कर बिजली बनाए जाने के लिए काली नदी पर पुल निर्माण को साइट का अवलोकन करते नीदरलैंड की कंपनी तथा पालिका के अधिकारी साथ में एसडीएम सदर परमानंद झा।
डीएम के साथ हुई कंपनी अधिकारियों की बैठक
स्थापना का खाका खींचा गया है। प्लांट की स्थापना नीदरलैंड की कंपनी जीसी इंटरनेशनल कराएगी। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन यानी सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में जनपद भर में प्रतिदिन निस्तारित होने वाला 750 टन सोलिड वेस्ट और 300 टन प्लास्टिक वेस्ट प्रतिदिन पहुंचेगा। जिसका बेहतर प्रबंधन कर 30 मेगावाट बिजली बनाई जाएगी।
परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए गुरुवार को नीदरलैंड से कंपनी अधिकारी पहुंचे। उन्होंने एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, एसडीएम परमानंद झा तथा पालिका ईओ हेमराज सिंह की मौजूदगी में डीएम चन्द्रभूषण सिंह के साथ परियोजना की समीक्षा की। डीएम ने बताया कि प्लांट की स्थापना किदवई नगर में उपलब्ध 28.466 हैक्टेयर अर्थात 284660 वर्ग मीटर भूमि में कराई जा रही है।
वेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापना के लिए किदवई नगर में जिस भूमि को चिन्हित किया गया है। वहां तक पहुंचने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं है। इसलिए भूमि तक जाने के लिए काली नदी पर एक ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। जिसके लिए पीडब्लूडी के इंजीनियरों ने पुल निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की है। काली नदी पुल से होते हुए प्लांट तक पहुंचा जाएगा। प्लांट की बाउंड्री वाल निर्माण का जिम्मा नगर पालिका परिषद पर रहेगा। डीएम ने बताया कि प्लांट चलने पर जिले के सारे कूड़े का प्रबंधन आसानी से हो जाएगा। गुरुवार को कंपनी तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने पुल निर्माण स्थल देखने के लिए काली नदी का दौरा किया।