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फरवरी से अप्रैल के बीच पोलेन एलर्जी का खतरा काफी बढ़ जाता है. 2021 में मिनिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा शेयर किए गए डेटा के अनुसार भारत के 20-30 प्रतिशत लोग इस एलर्जी से परेशान थें, और लगभग 15 प्रतिशत लोग अस्थमा से ग्रस्त हो गए थे. पोलेन एक वायु-जनित एलर्जेन है जो इंसानों में एलर्जिक राइनाइटिस, अस्थमा और एटोपिक डर्माइटिस की सूजन के लिए जिम्मेदार होता है.
अस्थमा एंड एलर्जी फाउंडेशन ऑफ अमेरिका के अनुसार, मौसमी एलर्जी के सबसे आम कारणों में से एक पराग (पोलेन) होता है. बहुत से लोग पराग एलर्जी को “हे फीवर” के नाम से जानते हैं. वहीं, विशेषज्ञ इसे अक्सर “सीजनल एलर्जिक राइनाइटिस” कहते हैं.
दिखते हैं ये लक्षण
बहती नाक (राइनाइटिस)
बंद नाक (नेजल कंजेशन)
छींक आना
नाक, आंख, कान और मुंह में खुजली
लाल और पानी वाली आंखें
आंखों के आसपास सूजन
पोलेन एलर्जी के लिए करें ये उपाय
पोलेन एलर्जी के लक्षण दिखते ही इसका उपाय करना बहुत ही फायदेमंद होता है. TOI से बातचीत में फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज में पल्मोनोलॉजी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन के निदेशक और प्रमुख डॉ जेसी सूरी ने बताया कि यदि यह नाक की समस्या तक ही सीमित है, तो नेज़ल स्प्रे उपलब्ध हैं जिनका उपयोग पूरे मौसम के दौरान किया जा सकता है. वहीं, यदि खांसी, बलगम, सांस फूलना, घरघराहट जैसे अस्थमा जैसे लक्षण हैं, तो नियमित रूप से इनहेलर का उपयोग करें.
ऐसे करें बचाव
जब हवा चल रही हो या सर्दी हो तो घर के अंदर रहें, गार्डन आदि में जाने से बचें, जब बाहर जाएं तो डस्ट मास्क पहनें, दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें, जब आप बाहर से घर आते हैं तो अपने कपड़े बदलें और नहाएं, बेडिंग को धोएं
इन चीजों का भी रखें विशेष ध्यान
नियमित रूप से घर को साफ करें, खासकर फर्नीचर और दीवारों को, अपने पालतू जानवरों को साफ रखें, धूम्रपान से बचें, खूब सारा पानी पीएं, तनाव कम करें.