स्किन पर दिखने वाले ये लक्षण हो सकते हैं फेफड़े की बीमारी का संकेत, इन्हें बिल्कुल भी न करें नजरअंदाज

These symptoms appearing on the skin can be a sign of lung disease, do not ignore them at all
These symptoms appearing on the skin can be a sign of lung disease, do not ignore them at all
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Our Skin indicate Lung Diseases: फेफड़े हमारे शरीर के प्रमुख अंगों में से एक हैं और पूरे शरीर का स्वास्थ्य हमारे फेफड़ों की हेल्थ पर निर्भर करता है. फेफड़े शरीर का वह भाग हैं जो बिना रुके हमेशा काम करते रहते हैं चाहे हम हम सो रहे हों या फिर जग रहे हो. एक दिन में हमारे फेफड़े करीब 20,000 बार सांस लेते हैं और 50 साल की उम्र तक एक व्यक्ति के फेफड़े करीब 40 करोड़ बार सांस ले चुके होते हैं. अगर फेफड़ अस्वस्थ्य होंगे तो हम सांस नहीं ले पाएंगे इसलिए जरूरी है कि हम अपने फेफड़ों की हेल्थ पर विशेष ध्यान दें.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार यदि हमारे फेफड़े किसी प्रकार की बीमारी से ग्रसित होते हैं या फिर वे अस्वस्थ्य होते हैं तो हमारी स्किन भी इस बारे में संकेत देने लगती है. त्वचा पर कई ऐसे लक्षण दिखते हैं जो त्वचा की बीमारी से तो संबंधित होते है लेकिन इस बात का भी संकेत देते हैं कि आपके फेफड़ों में कोई दिक्कत है. आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में

नीली या बैगनी रंग की त्वचा होना: अगर आपकी त्वचा का रंग अचानक नीला या फिर बैगनी हो जाता है तो ये फेफड़े की बीमारी का पहला संकेत है. त्वचा के बदले हुए रंग को सामान्य घटना समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. त्वचा के रंग बदलने के मेडिकल टर्म में सायनोसिस के नाम से जाना जाता है.

उंगलियों में समस्या आना: अगर आपको अपने हाथ पैर की उंगलियों की स्किन में परिवर्तन और साथ ही उंगलियों में अकड़न समझ में आती है तो यह फेफड़ें से संबंधित बीमारी जैसे फेफड़े के कैंसर, तपेदिक, फेफड़े के फोडे़, ब्रोन्किइक्टेसिस, सिस्टिक फाइब्रोसिस, इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस का संकेत हो सकता है.

लाल रंग के धब्बे: अगर त्वचा में जगह चगह पर लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं तो यह भी फेफड़ों की बीमारी का एक बड़ा संकेत है. धब्बे होने की इस बीमारी को सारकॉइडोसिस के नाम से जाना जाता है. इस तरह के धब्बे आमतौर पर टखने, पैर के निचले हिस्से, गाल या फिर कान पर देखने को मिलते हैं.

चेहरे पर सामान्य से ज्यादा पसीना आना: चेहरे, सिर और खोपड़ी में सामान्य से ज्यादा पसीना आना विशेष रूप से फेफड़ों के कैसर का एक बड़ा संकेत है. मेडिकल भाषा में इस कंडीशन को क्रैनियोफेशियल हाइपरहाइड्रोसिस के रूप में जाना जाता है.

कमजोर पलके और छोटी पुतली: पलकों का कमजोर होना और छोटी पुतली भी आमतौर पर फेफड़ों के कैंसर से जुड़े संकेत हैं. यह विशेष रूप से पैनकोस्ट ट्यूमर या फेफड़ों के ऊपरी हिस्से के कैंसर का संकेत है. इस स्थिति में आंखों और चेहरे की नसे ज्यादा प्रभावित होती हैं.

छाती पर दाने निकलना: अगर छाती के ऊपरी हिस्से में दाने होते हैं तो यह भी इस बात का संकेत है कि आपके फेफड़े पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं हैं. छाती पर दानें तब होते हैं जब सुपीरियर वेन सिकुड़ने लगती है और रक्त का प्रवाह प्रभावित होने लगता है. यह शिरा शरीर से ऑक्सीजन रहित ब्लड को दाहिने भाग में वापस लाती है.