पति ने पत्नी को लिव-इन पार्टनर से अलग किया, अब हाईकोर्ट ने दोनों को फिर से मिलाया

Husband separates wife from live-in partner, now High Court reunites them
Husband separates wife from live-in partner, now High Court reunites them
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कहावत है कि जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं या ऊपरवाला बनाता है. जिंदगी भर के साथ में बात जब हद से गुजर जाती है तो मजबूरी में अलग होने यानी तलाक के लिए अदालत का सहारा लिया जाता है. इन तमाम सच्चाइयों के बीच गुजरात हाईकोर्ट ने अपनी तरह के एक अनोखे मामले में लिव-इन (Live-In) जोड़े को फिर से मिला दिया है. अदालत ने अपने फैसले में पति से अलग रह रही महिला को न सिर्फ उसके लिव इन पार्टनर से मिलाया बल्कि उसे सुरक्षा भी दिलाई. ये दिलचस्प मामला इस मोड़ तक कैसे पहुंचा, इसकी कहानी भी कम फिल्मी नहीं है.

पति ने पत्नी को लिव-इन पार्टनर से अलग किया, हाईकोर्ट ने मिलाया

इसे केस को ‘पति-पत्नी और वो…’ जैसा कहा जा सकता है या नहीं ये आप खुद तय कर लीजिए. अब ये मामला कोर्ट तक कैसे पहुंचा? आइए बताते हैं. महिला और उसके लिव-इन पार्टनक की मुलाकात इस साल जनवरी के महीने में हुई थी. गुजरात के अमरेली जिले में उन दोनों की मुलाकात तब हुई थी जब महिला वैवाहिक कलह के कारण एक बेटे को अपने पति के पास छोड़कर, अपने मायके लौट आई थी. उसके पति को ये बात पता चली तो उसने जबरन उसे वहां से ले जाकर मायके छोड़ दिया. महिला किसी भी सूरत में न तो पति के पास जाने को तैयार थी और ना हीं मायके में रहने की इच्छुक थी. ऐसे में बात निकली तो अदालत की चौखट तक पहुंची.

मीलार्ड मैं लिव-इन पार्टनर के साथ रहना चाहती हूं: महिला
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस एवाई कोग्जे और एसजे दवे की बेंच ने जिसा पुलिस को महिला को अदालत के सामने लाने का निर्देश दिया. पेशी के दौरान महिला ने जजों के सामने अपने लिव-इन पार्टनर के साथ जाने का फैसला किया. याचिका दायर करने वाले साथी के वकील ने कहा, ‘हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद कॉर्पस (याचिका) की इच्छा का सम्मान किया और महिला को याचिकाकर्ता के साथ जाने की अनुमति दे दी. इस मामले में हिंसा के संभावना को देखते हुए दोनों के वकील ने इस जोड़े को पुलिस प्रोटेक्शन देने की गुजारिश की थी. हाईकोर्ट ने पार्टनर के घर पहुंचने तक ऐसी सुरक्षा का आदेश दिया था.