‘मैंने अपनी लाश देखी…’, मरकर जिंदा हुए लोगों ने बताये अपने अनुभव!

'I saw my dead body...', the people who died alive told their experiences!
'I saw my dead body...', the people who died alive told their experiences!
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नई दिल्ली: जब हम मरते हैं तो हमारे साथ क्या होता है? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब पता करने में कई वैज्ञानिक और शोधकर्ता सालों से लगे हुए हैं. इस सवाल का सटीक जवाब आज तक दुनिया के बेहतरीन दिमाग भी नहीं निकाल पाए हैं कि मौत के बाद इंसान के साथ क्या होता है?

Independent.co.uk के मुताबिक, कुछ समय पहले रेडिट थ्रेड ने उन लोगों से इस सवाल का जवाब लिया. जिन लोगों ने जवाब दिया वे मेडिकली रूप से मरकर वापस जीवित हुए थे. इन लोगों को तीन भागों में बांटा गया था. पहले वे लोग जिन्हें कुछ भी महसूस नहीं हुआ, दूसरे वे जो मरने के बाद किसी अन्य व्यक्ति से बात कर रहे थे और तीसरे वे जिन्हें कोई रोशनी दिखाई दी.

NYU लैंगोन मेडिकल सेंटर, यूके में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सैम पारनिया ने कार्डियक अरेस्ट के मरीजों की तलाश की और पाया कि लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने मेडिकली रूप से मरने के बाद भी कोई ना कोई अलर्टनेस महसूस की. हालांकि यह बात आश्चर्यचकित कर सकती है लेकिन मौत का अनुभव करने वाले लोगों के जवाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मरने के बाद इंसान के साथ क्या होता है?

आंखों के सामने छा गया था अंधेरा

एक यूजर ने बताया, “मैं एक एंजियोग्राफी (कोरोनरी आर्टरी का एक्स-रे) करवा रहा था और मशीन की स्क्रीन को देखते हुए डॉक्टर से बात कर रहा था. धीरे-धीरे मशीन की आवाज और अलार्म बंद होने लगी और मेरे आसपास के लोग घबराने लगे. मेरे आंखों के सामने की दुनिया धुंधली हो गई और मेरी आंखों के सामने सब कुछ काला हो गया. इसके बाद मुझे सिर्फ इतना याद है कि मेरी आंखें खुली थीं और डॉक्टर को मैंने यह कहते सुना था हमने उसे बचा लिया है. वह काफी सुकून देने वाली फीलिंग थी.”

छेद से नीचे गिर रहा था

एक अन्य यूजर ने बताया, “मैं एक बार क्लास में प्रजेंटेशन के दौरान गिर गया था. मेरी सांस रुक गई थी और ब्लड सर्कुलेशन बंद हो गया था. मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक गहरे छेद से नीचे गिर रहा हूं और मेरे साथी मदद के लिए रो रहे हैं. मुझे जब होश आया तो मैं मौत के मुंह से वापस आ गया था और उसके बाद मुझे कुछ याद नहीं है. हेरोइन लेने के कारण मेरे हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था. ऐसा लग रहा था मानो मैं सपना देख रहा हूं.”

रोशनी की दीवार के सामने खड़ा था

यूजर ने बताया, “मैं फरवरी 2014 में एक वर्क मीटिंग के दौरान गिर गया था और पांच मिनट तक मेरी हार्ट रेट और पल्स बंद हो गई थी. मेरी आखिरी मेमोरी गिरने के एक घंटे पहले की और अगली मेमोरी दो दिन बाद की थी. यानी की मेरे गिरने से दो दिनों के बीच का मैं सब कुछ भूल चुका था. मैं मेडिकली रूप से कोमा में चला गया था. लगभग 40 सेकंड के लिए सब कुछ भूल चुका था. उस समय मुझे जो फील हुआ वह सबसे अलग था.”

यूजर ने आगे बताया, “जब मुझे एंबुलेंस में ले जा रहे थे, उस समय का थोड़ा बहुत मुझे याद है. मैं अपनी डेड बॉडी को एंबुलेंस में देख पा रहा था. इसके बाद मेरे सामने काफी तेज रोशनी की बड़ी दीवार थी और मैं उसके सामने खड़ा था. मैं जहां भी देख रहा था मुझे सिर्फ रोशनी वाली दीवार ही दिख रही थी. इसके बाद मुझे कुछ याद नहीं और अगली मेमोरी मेरी हॉस्पिटल की थी. मेरे चारों ओर घना कोहरा था और वहां मैंने अपने सबसे खास दोस्त को देखा था. उसने मुझसे बात करना बंद कर दी थी. कोहरे से बाहर आकर उसने मुझसे कहा कि वह भी अभी तक वापस नहीं जा पाया है. अगर मैं कोशिश करता रहा तो मैं वापस धरती पर चला जाऊंगा. इसके बाद मैंने हार नहीं मानी और मुझे वापस से शरीर में धकेल दिया गया और मैं होश में आ गया.जब मुझे होश आया तब मेरी मां ने मुझे बताया कि मैं मर चुका था.”