हरियाणा में IAS अधिकारियों का संकट: CM मनोहर चिंतित

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हरियाणा राज्य IAS अधिकारियों के संकट से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इसको लेकर चिंतित हैं। उन्होंने केंद्र से भी इसको लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि अफसरों को विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी देनी पड़ रही है। मनोहर लाल ने विभागों की कार्यक्षमता व कार्यक्षमता को गतिमान बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अफसरों की कमी को पूरा करना जरूरी है।

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि हरियाणा में IAS अफसरों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा।

डेपूटेशन-रिटायरमेंट की जानकारी दी
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को हरियाणा से केंद्र में हुई वरिष्ठ IAS की प्रतिनियुक्तियों व हरियाणा में निकट भविष्य में होने वाले रिटायरमेंट के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि CMO में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को 10 से ज्यादा विभाग देने पड़ रहे हैं, जिसके कारण उनकी कार्य दक्षता के अच्छे परिणाम नहीं आ पा रहे हैं।

इस साल रिटायर होंगे 10 आईएएस
हरियाणा में भविष्य में IAS अफसरों की और कमी होने वाली है, क्योंकि पिछले साल जहां करीब 12 आईएएस रिटायर हुए थे। वहीं अब 2023 में 10 अफसर और रिटायरमेंट पर हैं। इनमें राजेश खुल्लर, महावीर सिंह, अरुण कुमार, वजीर सिंह गोयत, विकास यादव, विनय सिंह, जगदीप सिंह, धर्मवीर सिंह, जगदीश शर्मा और ललित कुमार शामिल हैं। राज्य के डीजीपी पीके अग्रवाल भी इसी साल रिटायर होंगे।

ये अफसर डेपुटेशन पर बाहर हैं
विवेक जोशी, अरुण कुमार, श्रीकांत वाल्गद, अभिलक्ष लिखी, दीप्ति उमाशंकर, सुकृति लिखी, नीरजा शेखर, श्यामल मिश्रा, राकेश गुप्ता, नितिन कुमार यादव, पंकज यादव, सीजी रजनीकांथन, निखिल गजराज, शरणदीप कौर, विनय प्रताप सिंह, विजय कुमार शामिल हैं।2022 में हरियाणा प्रदेश को डीओपीटी से कोई आईएएस मिला ही नहीं ।

अब तक कितने मिले अफसर
हरियाणा को पिछले 5 सालों में 28 आईएएस अफसर मिले हैं। हरियाणा को 2021 में 7 आईएएस मिले हैं। 2017 में 4 ,2018 में 4, 2019 में 8 और 2020 में 5 आईएएस अधिकारी ही हरियाणा को मिले हैं, जबकि जरूरत के हिसाब से यह संख्या बहुत कम हैं। यही वजह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को केंद्र की शरण में जाना पड़ा है।

हरियाणा राज्य IAS अधिकारियों के संकट से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इसको लेकर चिंतित हैं। उन्होंने केंद्र से भी इसको लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि अफसरों को विभागों की अतिरिक्त जिम्मेदारी देनी पड़ रही है। मनोहर लाल ने विभागों की कार्यक्षमता व कार्यक्षमता को गतिमान बनाए रखने के लिए वरिष्ठ अफसरों की कमी को पूरा करना जरूरी है।

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया है कि हरियाणा में IAS अफसरों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा।

डेपूटेशन-रिटायरमेंट की जानकारी दी
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को हरियाणा से केंद्र में हुई वरिष्ठ IAS की प्रतिनियुक्तियों व हरियाणा में निकट भविष्य में होने वाले रिटायरमेंट के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि CMO में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों को 10 से ज्यादा विभाग देने पड़ रहे हैं, जिसके कारण उनकी कार्य दक्षता के अच्छे परिणाम नहीं आ पा रहे हैं।

इस साल रिटायर होंगे 10 आईएएस
हरियाणा में भविष्य में IAS अफसरों की और कमी होने वाली है, क्योंकि पिछले साल जहां करीब 12 आईएएस रिटायर हुए थे। वहीं अब 2023 में 10 अफसर और रिटायरमेंट पर हैं। इनमें राजेश खुल्लर, महावीर सिंह, अरुण कुमार, वजीर सिंह गोयत, विकास यादव, विनय सिंह, जगदीप सिंह, धर्मवीर सिंह, जगदीश शर्मा और ललित कुमार शामिल हैं। राज्य के डीजीपी पीके अग्रवाल भी इसी साल रिटायर होंगे।

ये अफसर डेपुटेशन पर बाहर हैं
विवेक जोशी, अरुण कुमार, श्रीकांत वाल्गद, अभिलक्ष लिखी, दीप्ति उमाशंकर, सुकृति लिखी, नीरजा शेखर, श्यामल मिश्रा, राकेश गुप्ता, नितिन कुमार यादव, पंकज यादव, सीजी रजनीकांथन, निखिल गजराज, शरणदीप कौर, विनय प्रताप सिंह, विजय कुमार शामिल हैं।2022 में हरियाणा प्रदेश को डीओपीटी से कोई आईएएस मिला ही नहीं ।

अब तक कितने मिले अफसर
हरियाणा को पिछले 5 सालों में 28 आईएएस अफसर मिले हैं। हरियाणा को 2021 में 7 आईएएस मिले हैं। 2017 में 4 ,2018 में 4, 2019 में 8 और 2020 में 5 आईएएस अधिकारी ही हरियाणा को मिले हैं, जबकि जरूरत के हिसाब से यह संख्या बहुत कम हैं। यही वजह है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को केंद्र की शरण में जाना पड़ा है।