काश! झूठी निकली ये भविष्यवाणी, सच हुई तो पूरी दुनिया को डुबो देगा अमेरिका, 15 साल पहले भी हुआ था ऐसा

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Reccesion: पिछले कुछ महीनों से अमेरिका और यूरोप में मंदी की आहट को लेकर बहुत बातें और चर्चाएं हुई. हालांकि, अब तक अमेरिका मंदी की गिरफ्त से दूर है, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश पर मंदी के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल ऐसा इसलिए, क्योंकि अमेरिकी बिजनेस साइकल में होने वाले बदलावों को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किए गए सूचकांक में लगातार 15वें महीने जून में गिरावट आई है.

अमेरिकी बिजनेस साइकल में यह गिरावट कमजोर उपभोक्ता दृष्टिकोण और जॉब क्लेम डेटा में बढ़ोतरी होने के कारण आई है. हैरान करने वाली बात है कि यह गिरावट 2007-2009 की मंदी के बाद से आई गिरावट के बाद सबसे बड़ी है.

अर्थशास्त्रियों के अनुमान से ज्यादा गिरावट
कॉन्फ्रेंस बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि उसका अग्रणी आर्थिक सूचकांक, जो भविष्य की आर्थिक गतिविधि का अनुमान लगाता है. मई में 0.6 प्रतिशत की गिरावट के बाद जून में फिर से 0.7 प्रतिशत घटकर 106.1 हो गया. यह गिरावट रॉयटर्स पोल में अर्थशास्त्रियों के बीच 0.6 प्रतिशत की कमी की औसत अपेक्षा से थोड़ी ज्यादा थी.

2024 में मंदी आने की संभावना
बिजनेस साइकल इंडिकेटर के सीनियर मैनेजर जस्टिना ज़बिंस्का-ला मोनिका ने एक बयान में कहा, “कुल मिलाकर, जून के आंकड़ों से पता चलता है कि आने वाले महीनों में आर्थिक गतिविधियों में गिरावट जारी रहेगी.” कॉन्फ्रेंस बोर्ड ने अपना पूर्वानुमान दोहराया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मौजूदा तीसरी तिमाही से 2024 की पहली तिमाही तक मंदी में रहने की संभावना है.

ज़बिन्स्का-ला मोनिका ने कहा, “बढ़ी कीमतें, सख्त मौद्रिक नीति, ऋण प्राप्त करना कठिन और कम सरकारी खर्च आर्थिक विकास को और धीमा कर देंगे.” कॉन्फ्रेंस बोर्ड ने कहा कि एलईआई में संकुचन तेज हो रहा है, जो जून और दिसंबर 2022 के बीच 3.8 प्रतिशत की तुलना में पिछले 6 महीनों में 4.2 प्रतिशत गिर रहा है.

अमेरिका पर खतरा मतलब पूरी दुनिया चपेट में!

दरअसल अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पूरी दुनिया में डॉलर में व्यापार होता है इसलिए अगर अमेरिकी इकोनॉमी प्रभावित होती है तो यह अन्य विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पर असर डालेगी. 2007-08 में भी अमेरिका में आई मंदी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई थी.

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर से अमेरिका में मंदी को लेकर कई तरह की बातें की गईं. बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों ने खराब आर्थिक हालात का हवाला देकर हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया. इनमें ट्विटर, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा समेत कई कंपनीज शामिल हैं.