पानीपत; Haryana News: हरियाणा के पानीपत शहर के कायस्थन मोहल्ले में दो बहनों ने करीब छह महीने तक खुद को एक कमरे में बंद कर बाहरी दुनिया से अलग कर लिया. इस दौरान उन्होंने मंदिर व धर्मशाला के सामने रखे भंडारे का प्रसाद व भोजन ग्रहण किया। समाजसेवियों ने मामले की सूचना पुलिस को दी, जो बुधवार की दोपहर बीच-बचाव करने पहुंची। तीन घंटे की मशक्कत के बाद जन सेवा दल और पुलिस ने दोनों बहनों को छुड़ा लिया।मिली जानकारी के आधार पर सोनिया और चांदनी ने कायस्थन मोहल्ला स्थित एक घर में खुद को बंद कर लिया है. सोनिया 35 साल की हैं जबकि उनके भाई उनसे छोटे हैं।
रिपोर्टों से पता चलता है कि उनके पिता दुलीचंद का एक दशक पहले कैंसर के कारण निधन हो गया था, और उनकी मां शकुंतला की पांच साल पहले कारखाने में मृत्यु हो गई थी। माता-पिता की मौत के बाद दोनों बहनें फैक्ट्री में काम करने लगीं।इसी बीच बाथरूम में फिसलने से सोनिया की रीढ़ की हड्डी टूट गई, जिससे दोनों बहनों ने घर से निकलना बंद कर दिया। वह करीब छह महीने तक घर के अंदर रही।खिड़की से ही मंगवाती थी सामानश्री चित्रगुप्त मंदिर के पुजारी कन्हैया कौशिक ने खुलासा किया कि महिला खिड़की से प्रसाद और भोजन ग्रहण करती थी। मंगलवार को मंदिर में कथा हुई थी और उन्होंने प्रसाद का भोग लगाया था। स्वर्णकार अक्सर संघ के धर्मशाला में कार्यक्रमों या शादियों से खाना मंगवाते थे। इसके अलावा, वह सड़क पर खेल रहे बच्चों के पैसे देकर उनसे बिस्किट खरीदती थी। समाजसेवी सुनीता वर्मा के मुताबिक उस वक्त दो महिलाएं मौजूद थीं।
बुधवार को उसने उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को सूचित किया। बताया गया है कि दोनों बच्चियों की मौसी कमला कायस्थान इलाके में रहती हैं। खबर मिलते ही वह तुरंत घटनास्थल पर पहुंची।पुलिस ने कई घंटे मशक्कत कीसूचना मिलते ही शहर के थाना प्रभारी जाकिर हुसैन मौके पर पहुंचे। दो घंटे की अवधि के लिए दोनों बहनों को खिड़की के माध्यम से शांत करने के प्रयास के बावजूद, उन्होंने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। जन सेवा दल के प्रधान चमन लाल गुलाटी छत से घुसे और दरवाजा खोला। इसके बाद पुलिस ने दोनों बहनों को अस्पताल पहुंचाया।