मुजफ्फरनगर सेना भर्ती में ’अग्निवीरों’ ने जमकर लगाई दौड, जोश नहीं हुआ कम

In Muzaffarnagar army recruitment, 'agniveers' ran fiercely, did not lose enthusiasm
In Muzaffarnagar army recruitment, 'agniveers' ran fiercely, did not lose enthusiasm
इस खबर को शेयर करें

मुजफ्फरनगर। जनपद में अग्निपथ योजना के तहत चल रही थल सेना अग्निवीर भर्ती रैली के बीच खराब मौसम बड़ा खलनायक बना हुआ है। इसी बारिश के विघ्न के कारण बीते दो दिनों में दो जिलों की भर्ती रैली को स्थगित किया जा चुका है। मैदान तैयार नहीं होने के बाद रविवार की भर्ती पर भी प्रश्न चिन्ह लगा हुआ था, लेकिन जिला प्रशासन का दावा था कि रविवार की भर्ती रैली कराने के लिए समय से तैयारी कर ली जायेगी, आज दो दिन के ठहराव के बाद सवेरे आधी अधूरी तैयारियों के बीच भर्ती रैली में दौड़ का आयोजन किया गया। इस दौरान दो जिलों से आये हजारों अभ्यर्थियों को बारिश और दलदल के बीच ही अग्निवीर बनने का सपना पूरा करने के लिए दौड़ लगानी पड़ी।

20 सितंबर से जनपद के स्थानीय स्पोर्ट्स स्टेडियम में शुरू हुई थल सेना अग्निवीर भर्ती रैली के दो दिन बारिश के भेंट चढ़ गये। 20 सितंबर को पहले दिन गौतमबुद्धनगर की तीन तहसीलों के युवाओं ने इस भर्ती रैली में शारीरिक दक्षता परीक्षा में प्रतिभा किया था। इसके अगले दिन हापुड़ जनपद की तीन तहसीलों से आये अभ्यर्थियों की भर्ती रैली सकुशल सम्पन्न करा ली थी, लेकिन 22 सितंबर को रामपुर जनपद की छह तहसीलों की भर्ती रैली के दौरान बारिश ने अडंगा डाल दिया था, हालांकि पुलिस प्रशासन के सहयोग से सैन्य अफसरों ने अभ्यर्थियों के उत्साह और जोश को देखते हुए बारिश के बीच ही इस जिले की भी भर्ती रैली पूरी करा ली थी, लेकिन इसके बाद से हुई मूसलाधार बारिश ने तमाम व्यवस्थाओें का तंबू उखाड़कर रख दिया।

सेना भर्ती के लिए तीनों मैदानों पर जलभराव और कीचड़ हो जाने के कारण 23 सितंबर को होने वाली जनपद शामली की तीन तहसीलों और 24 सितंबर को जिला गाजियाबाद की दो तहसीलों की भर्ती रैली को एआरओ मेरठ द्वारा स्थगित करना पड़ा। इसके लिए शामली की 11 अक्टूबर और गाजियाबाद की 12 अक्टूबर को भर्ती रैली कराने का ऐलान हुआ। इसी बीच रविवार को होने वाली गाजियाबाद जनपद की लोनी और बिजनौर जनपद की चांदपुर व नजीजाबाद तहसीलों की भर्ती रैली के आयोजन पर भी सवाल उठ रहे थे, लेकिन पुलिस प्रशासन ने दिन रात काम कराया और मैदान को तैयार कराने में सैन्य अफसरों को भरपूर सहयोग दिया।

बारिश के बीच ही बनी कुछ अव्यवस्था के साथ दोनों जिलों से शनिवार को ही हजारों अभ्यर्थी जिला मुख्यालय पहुंच गये थे। देर रात इन अभ्यर्थियों को नुमाइश मैदान पर एंट्री दी गयी। इस बीच भी कई बार बारिश होने से युवाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। सवेरे करीब सात बजे रेस को शुरू कराया गया। इस दौरान कई बार बारिश के बीच दौड़ को रोकना पड़ा। बारिश के साथ ही स्टेडियम पर ट्रैक पर बनी कीचड़ की स्थिति ने अग्निवीर बनने का सपने लेकर आये युवाओं के लिए अग्निपरीक्षा जैसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया था। आज करीब 7 हजार अभ्यर्थी भर्ती के लिए पहंुचे थे। इनमें सवेरे सबसे पहले गाजियाबाद की लोनी तहसील से आये अभ्यर्थियों का नम्बर आया।

अभ्यर्थियों ने बताया कि आज सवेरे दौड़ सवा सात बजे शुरू हुई और इसके बाद बारिश के कारण परेशानी को देखते हुए रोक रोककर दौड़ कराई गयी। इसके बाद बिजनौर जनपद की चांदपुर और नजीबाबाद के अभ्यर्थियों को दौड़ाया गया। बारिश, कीचड़, दलदल और फिर निकली धूप ने नौकरी की चाह में दौड़े इन युवाओं की जमकर परीक्षा ली। कामयाबी की रस्सी से चंद फासले से अग्निवीर की नौकरी के ट्रैक पर फिसले बच्चे उठे तो नाकामयाबी का कीचड़ उनको परेशान करता दिखा। एआरओ मेरठ के निदेशक कर्नल सोमेश जसवाल ने बताया कि सोमवार 26 सितंबर को बिजनौर जनपद की तीन तहसीलों बिजनौर सदर, धामपुर और नगीना के अभ्यर्थियों की भर्ती रैली सम्पन्न कराई जायेगी। आज इन तीनों स्थानों से जिला मुख्यालय पर अभ्यर्थियों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। बारिश थमने से सैन्य अफसरों और जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है, लेकिन अभी भी मैदान पर कई चुनोतियां बनी हुई हैं।

एक गु्रप में 500 युवाओं को दौड़ायाः एक ग्रुप में 400 से 500 युवाओं को कीचड़ और दलदल के बीच ही दौड़ाया गया। इसको लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने रोष भी प्रकट किया है। भर्ती रैली से बाहर निकले कुछ अभ्यर्थियों ने जोकि कीचड़ से पूरी तरह से सराबोर थे बताया कि भर्ती की व्यवस्था ठीक नहीं है। इन युवाओं ने बताया किय 400 से 500 बच्चे एक साथ दौड़ाये जा रहे हैं। चांदपुर से भर्ती के लिए आये 18 साल के अभय पुत्र योगेन्द्र सिंह ने बताया कि वह दो साल से इस भर्ती की तैयारी कर रहा था। आज वह नौकरी के लिए दौड़ा, लेकिन मैदान पर पानी के साथ ही कीचड़ और दलदल में पैर काफी नीचे तक धंस रहे हैं, ऐसे में जो आगे है, वही कामयाब हो रहे हैं, पीछे वाला दम लगाने पर भी आगे नहीं निकल पाया।

जिस गु्रप में अभय दौड़ा, उसमें 30-35 बच्चे सलैक्ट हुए। अग्निपथ योजना का समर्थन करते हुए अभय ने कहा कि इसके सहारे कम से कम नौकरी तो निकली। चांदपुर तहसील से आये गांव अथाई निवासी युवा धर्मवीर, तनुज और नितिन भी दौड़ में दलदल के कारण विफल हो गये। इन युवाओं ने कहा कि दलदल में एक फीट तक पैर धंस रहा है। ऐसे में दौड़ नहीं कराई जानी चाहिए थी। उनके गु्रप में करीब 450 बच्चों को एक साथ दौड़ाया गया, जो आगे निकल गये, वह सफल हो गये। कीचड़ में फिसलकर भी बहुत बच्चे गिर रहे हैं। उनके गु्रप में करीब 19-20 बच्चे दौड़ में सफल हुए। नजीजाबाद तहसील के गांव दूधली भरेकी से आये नरेन्द्र कुमार और गौरव कुमार ने भी इसी प्रकार की अव्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाये। नरेन्द्र ने बताया कि वह 5 साल से भर्ती की तैयारी कर रहा है, यहां विफल हुए हैं तो अब दूसरे अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस भर्ती में भाग्य आजमायेंगे।