ईरान पर इजरायल के हमले के बाद मोदी सरकार का क्या है रुख, हालात बिगड़े तो क्या है भारत का प्लान?

Iran-Israel Tensions: What is the stand of Modi government after Israel's attack on Iran, what is India's plan if the situation worsens?
Iran-Israel Tensions: What is the stand of Modi government after Israel's attack on Iran, what is India's plan if the situation worsens?
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Modi Government: ईरान पर इजरायल के जवाबी हमले के बाद, भारतीय सरकार हालात पर बारीकी से नज़र रख रही है. हालांकि वह दोनों देशों में मौजूद भारतीय नागरिकों को छोड़कर जाने के लिए कहती है या नहीं, यह इस पर निर्भर करेगा कि आगे कोई तनाव बढ़ता है या नहीं.

इजरायल ने ईरान पर हवाई हमला किया जरूर, लेकिन अब तक उसकी कार्रवाइयों का दायरा सीमित रहा है, शायद इसका उद्देश्य आगे बढ़ना नहीं है. वहीं ईरान ने इस बात से इनकार किया है कि इजरायली कार्रवाई में उसके किसी भी मिलिट्री या परमाणु ठिकाने को नुकसान पहुंचा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अगर हालात बिगड़ते हैं तो भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दोनों देशों में भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालना होगा.

भारत जारी कर चुका है एक एडवाइजरी
भारत ने पहले एक एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन यह भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक दोनों देशों की यात्रा न करने के लिए कहने तक ही सीमित थी। विदेश मंत्रालय ने ईरान और इजरायल में रहने वाले भारतीयों से भी सावधानी बरतने और अपनी आवाजाही को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया था।

ऑस्ट्रेलिया ने शुक्रवार को अपने नागरिकों को “सैन्य प्रतिशोध और आतंकवादी हमलों के खतरे” का हवाला देते हुए ईरान और इज़राइल छोड़ने के लिए कहा.

‘वेट एंड वॉच की नीति अपना रहा है भारत’
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा हैं, लेकिन फिलहाल वेट एंड वॉच की नीति है.’

राहत की बात यह है कि इजरायल और ईरान दोनों ही आगे बढ़ने से बचने के अधिक इच्छुक नहीं दिखते. ईरान ने इजरायली कार्रवाई को अधिक महत्व नहीं दिया और संकेत दिया कि उसकी जवाब देने का कोई प्लान नहीं है.

ईरानी मीडिया और अधिकारियों ने विस्फोटों के बारे में कहा कि ये मध्य ईरान के इस्फ़हान शहर के ऊपर हवाई रक्षा द्वारा तीन ड्रोनों को मार गिराने के की वजह से हुई. उनका यह भी कहना है कि विस्फोटों की संख्या काफी कम थी.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायली मीडिया और अधिकारियों इस घटना को इज़राइल के बजाय ‘घुसपैठियों’ के हमले के रूप में संदर्भित किया, जिसका जवाब देने की जरुरत नहीं है.