छीछालेदर होने के बाद जयपुर ब्लास्ट पर सुप्रीम कोर्ट जायेगी गहलोत सरकार

Jaipur Blast: AAG's service terminated on weak lobbying, Gehlot government will go to SC against acquittal of the culprits
Jaipur Blast: AAG's service terminated on weak lobbying, Gehlot government will go to SC against acquittal of the culprits
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जयपुर। जयपुर ब्लास्ट मामले के 4 दोषियों के हाई कोर्ट से बरी हो जाने के बाद राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर करेगी.

राजस्थान हाई कोर्ट से फैसला आने के बाद प्रदेश में भारी आक्रोश को देखते हुए शुक्रवार रात मुख्यमंत्री आवास में हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई थी, जहां इस पर फैसला लिया गया. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएगी.

उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षण के बाद जयपुर बम ब्लास्ट के मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में अपील का फैसला लिया है। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ वकील लगाकर पीड़ितों के साथ न्याय सुनिश्चित करेगी।

सरकार के प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) राजेंद्र यादव की सेवाएं भी समाप्त करने का फैसला किया जिन्हें इस मामले में पेश होने के लिए नियुक्त किया गया था. उच्च स्तरीय बैठक में जांच के बाद जयपुर बम ब्लास्ट मामले में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया गया है. गहलोत ने ट्वीट किया, राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ वकीलों को शामिल करके पीड़ितों को न्याय दिलवाएगी. बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख सचिव (गृह) आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे. इस केस में हाईकोर्ट में प्रभावी पैरवी करने में विफल रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय किया है।

राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को मामले के चार आरोपियों को बरी कर दिया था, जिन्हें 2019 में एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी की “खराब” जांच के लिए भी खिंचाई की. विशेष अदालत ने 18 दिसंबर, 2019 को शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर रहमान को दोषी ठहराया था और उन्हें बरी कर दिया था. राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वहीं, चारों दोषियों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी.

साल 2008 के ब्लास्ट में मारे गए थे 71 लोग

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने बुधवार को चारों आरोपियों को बरी कर दिया. अदालत ने अपने आदेश में पांचवें व्यक्ति शाहबाज हुसैन को निचली अदालत द्वारा बरी किए जाने की भी पुष्टि की. बता दें कि 13 मई, 2008 को माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल उठा था.इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे. रामचंद्र मंदिर के पास से एक जिंदा बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया था.

हाई कोर्ट ने उठाए थे ये सवाल

इस मामले में साल 2019 में जयपुर की विशेष अदालत ने चार आरोपियों को ब्लास्ट का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. बीते बुधवार को राजस्थान हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद निचली कोर्ट का फैसला पलट दिया. कोर्ट ने माना की जांच एजेंसी ने ठीक तरीके से जांच नहीं की थी. उन्होंने कहा कि वह किसी भी थ्योरी को अदालत में सिद्ध नहीं कर सके हैं. कोर्ट ने सवाल उठाया कि कैसे आतंकी एक ही दिन में दिल्ली पहुंचे, साइकिलें खरीदीं, बम लगाया और शताब्दी एक्सप्रेस से वापस भी चले गए. इस आधार पर हाई कोर्ट ने दोषियों को बरी कर दिया था.