अभी-अभी: लता मंगेशकर के बाद एक और मशहूर सिंगर की अचानक हुई मौत, गम में डूबे लोग

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भुवनेश्वरः ओडिशा के मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित दामोदर होता का रविवार को यहां निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे और आयु संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थे। दामोदर के परिवार ने यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दामोदर के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। पटनायक ने लता मंगेशकर के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि देश ने रविवार को दो महान हस्तियों को खो दिया।

पंडित दामोदर होता का जन्म 25 दिसंबर 1935 को पुरी में हुआ था और उन्होंने अपने पिता गोपीनाथ होता से ओडिसी शास्त्रीय संगीत के गुर सीखे। होता को हिंदुस्तानी और साथ ही ओडिसी शास्त्रीय गायन में एक गुरु के रूप में मान्यता प्राप्त है। वह एक संगीतकार भी थे।

अपनी मां दंडिमनी देवी और पिता गोपीनाथ होता से संगीत सीखना शुरू किया, जो ओडिसी संगीत के गायक थे और पुरी के जगन्नाथ मंदिर में प्रचलित मर्दाला। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संगीत और ललित कला महाविद्यालय में भाग लिया। डॉक्टर ऑफ म्यूजिक की डिग्री के लिए उन्हें पंडित मिराशी बुवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक प्रकट करते हुए रविवार को कहा कि वह अपने मधुर आवाज से लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगी। मंगेशकर का सुबह आठ बजकर 12 मिनट पर मुम्बई के एक अस्पताल में निधन हो गया। पटनायक ने ट्वीट किया, ‘‘लता मंगेशकर के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ।

‘भारत की स्वर साम्रागी’ हमारी सामूहिक चेतना पर एक रिक्तता छोड़कर चली गयीं। वह अपने मधुर संगीत से अनंतकाल तक अमर रहेंगी। उनके शोकसंतप्त परिवार एवं असंख्य प्रशंसकों के लिए मेरी गहरी संवेदना एवं प्रार्थना है।’’

महान गायिका के निधन से बहुत दुखी हुईं मशहूर ओडिशा गायिका तृप्ति दास ने कहा, ‘‘देवी सरस्वती बसंत पंचमी के मौके पर शनिवार को धरती पर आयीं और रविवार सुबह को अपनी बेटी को साथ लेकर चली गयीं। यह न केवल भारत और ओड़िशा के लिए, बल्कि समूचे विश्व के लिए बहुत बड़ी क्षति है।’’ विख्यात संगीत निर्देशक प्रणब पटनायक ने कहा, ‘‘उनकी आवाज सभी भाषाओं, सभी धर्मों एवं जातियों से ऊपर थी। मैं बड़ा सौभाग्यशाली हूं कि मैं उनसे मिल पाया।’’