हरियाणा मे खट्टर सरकार ने जीता किसानों का विश्वास, कर दिया ये बडा काम…

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चंडीगढ़। कृषि कानूनों में सुधारों की खिलाफत कर रहे किसान संगठनों को दरकिनार करते हुए हरियाणा के किसानों में सरकारी खरीद सिस्टम में भरोसा बढ़ा है। मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर अब तक करीब चार लाख किसान पंजीकरण करा चुके हैं ताकि खरीफ फसलों को आसानी से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचा जा सके। किसानों के रूझान से उत्साहित प्रदेश सरकार ई-गिरदावरी और अन्य माध्यमों से सब्जियों सहित सभी फसलों एवं किस्मों के डाटा को सत्यापित कराने में जुट गई है।

खरीफ फसलों की खरीद को लेकर अभी से तैयारी में जुटे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समुचित मंडी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ किसानों के लिए शेड्यूलिंग करने के भी निर्देश दिए हैं। ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी जिसमें किसान अपनी सुविधानुसार तिथि का चयन कर मंडी में आ सकेंगे। खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही इनमें श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता व समुचित बारदाना सुनिश्चित किया जाएगा।

वर्तमान में धान खरीद के लिए 198, मूंग के लिए 23, मक्का के लिए 19 और मूंगफली के लिए सात मंडियां हैं। पिछले खरीफ सीजन में 57 लाख टन धान, 1100 टन मूंग, 4017 टन मक्का और 650 टन मूंगफली की सरकारी खरीद की गई थी। इस बार बेहतर मानसून के चलते आगामी सीजन में ज्यादा आवक होने की उम्मीद है। केंद्रीय पूल में खरीद के लिए किसानों का आनलाइन पंजीकरण, भूमि रिकार्ड के साथ पंजीकृत किसान डाटा का आनलाइन एकीकरण डिजीटल मंडी जैसे मापदंड लागू किए जा चुके हैं। तीन अन्य मापदंडों को भी जल्द लागू किया जाएगा।

धान खरीद की तैयारी में जुटे खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) को 16 हजार नई जूट की बेलों की आपूर्ति का आर्डर दिया है। इसके अलावा खरीद एजेंसियों के लिए ओपन टेंडर के माध्यम से 50 हजार बेल खरीदी जा रही हैं।

खरीदेंगे एक-एक दाना : सीएम
” खरीफ सीजन में भी किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदेंगे। हरियाणा पहला प्रदेश है जहां 11 फसलों की सरकारी खरीद की जा रही है। रबी सीजन में करीब 85 लाख टन गेहूं हमने खरीदा जिसके बदले किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खातों में किया गया। अगर भुगतान में किन्हीं कारणों से देरी हुई भी तो उसका ब्याज किसानों को दिया गया।