कालका-शिमला रेल ट्रैक पर भूस्खलन, शिवालिक के इंजन से टकराए पत्थर, सभी ट्रेनें रद्द

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हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में पौंग झील में नहाने उतरे दो लोग डूब गए हैं। बरयाल पंचायत के भियाल गांव निवासी तीन लोग बुधवार रात झील की ओर गए थे। उनमें से दो घर नहीं लौटे। वीरवार सुबह पुलिस थाना हरिपुर की टीम गोताखोरों के साथ तलाश करती रही। दोनों का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। उधर, कालका-शिमला विश्व धरोहर रेलवे ट्रैक पर पट्टामोड़ के समीप सुबह 9:50 बजे चलती ट्रेन के सामने भूस्खलन होने से पत्थरों के साथ इंजन टकरा गया। इंजन के नीचे पत्थर चले जाने से पटरी से अगले पहिये उठ गए। चालक ने सूझबूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा होने से टाल दिया।

शिमला की ओर जा रही शिवालिक स्पेशल ट्रेन में करीब 67 यात्री सवार थे, जो सुरक्षित हैं। पत्थरों के आने पर करीब एक घंटा तक ट्रेन मौके पर खड़ी रही। इसके बाद कालका से शिमला और शिमला से कालका जाने वाली सभी दस ट्रेनों को बोर्ड ने रद्द कर दिया है। बुधवार रात को शिमला, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर में बादल झमाझम बरसे। गुरुवार को शिमला, ऊना, मनाली और नारकंडा में बादल बरसे।

गुरुवार शाम तक प्रदेश में 45 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। 41 बिजली ट्रांसफार्मर बंद रहे। मंडी-कुल्लू नेशनल हाईवे भूस्खलन से सुबह 9:00 से 10:00 बजे तक बंद रहा। सात मील के समीप भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली एनएच बाधित हुआ। कमांद के पास भूस्खलन से एनएच का वैकल्पिक मार्ग वाया बजौरा-कुल्लू भी बाधित रहा जिला कुल्लू की उपतहसील नित्थर के बांदल के समीप पथ परिवहन निगम की बस पर ऊपरी पहाड़ी से पत्थर गिरने से दो यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं। बस में करीब 10 यात्री सफर कर रहे थे।

नेशनल हाईवे पांच शिमला-किन्नौर पर ब्रौनी खड्ड के उफान पर रहने गुरुवार सुबह यातायात बाधित रहा। भूस्खलन से औट-बंजार-सेंज हाईवे 305 एक सप्ताह बाद भी वाहनों की आवाजाही के खुल नहीं सका है। प्रदेश में जारी बारिश से नदी और नाले उफान पर हैं। प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों के समीप नहीं जाने की अपील की है। उधर, वीरवार सुबह करीब 6.00 बजे कोटी और बड़ोग रेलवे स्टेशन के समीप बारिश में ट्रैक पर पानी और पत्थरों के आने से एक ट्रेन और रेलकार एक घंटा लेट शिमला पहुंची।