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Mallika Srinivasan Success Story: आज हम आपको ऐसी भारतीय महिला की कहानी बता रहे हैं जो 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रेवेन्यू के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता बन गई. यह कहानी है भारतीय अरबपति वेणु श्रीनिवासन की पत्नी मल्लिका श्रीनिवासन की. उन्होंने अपनी मेहनत से कंपनी को नये मुकाम पर पहुंचाया है. इतना ही नहीं उन्होंने दुनियाभर को कर दिखाया कि महिलाएं भी पुरुषों से कदमताल करने के लिए तैयार हैं. हाल में खबरों के अनुसार मल्लिका श्रीनिवासन ने स्विगी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है.
स्कूल टाइम में हमेशा पढ़ाई में अव्वल
1959 में जन्मी मल्लिका श्रीनिवासन (Mallika Srinivasan) अपने स्कूल टाइम में पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं. संयुक्त राज्य अमेरिका में पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से एमबीए करने से पहले उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. मल्लिका 1986 में फैमिली बिजनेस में शामिल हुईं. उनके फैमिली बिजनेस की शुरुआत दिवंगत उद्योगपति एस अनंतरामकृष्णन ने की थी. वह चेन्नई को ‘भारत के डेट्रॉइट’ में बदलने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं.
पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया
ट्रैक्टर ब्रांड TAFE के कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद 64 वर्षीय मल्लिका श्रीनिवासन को ‘ट्रैक्टर क्वीन’ के नाम से जाना जाने लगा. उन्हें बिजनेस में कामयाबी और कुछ अलग हटकर करने के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया है. वह कुछ ऐसी चुनिंदा महिलाओं में से हैं जिनका नाम दिग्गज महिला उद्योगपतियों में आता है. 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कारोबार के साथ उन्होंने कंपनी को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी बनाने में मदद की.
फेमस उद्योगपति होने के अलावा मल्लिका श्रीनिवासन एजीसीओ, टाटा स्टील और टाटा ग्लोबल बेवरेजेज के बोर्ड के अलावा चेन्नई में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के कार्यकारी बोर्ड में हैं. उन्होंने हाल ही में स्विगी के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के पद से इस्तीफा दिया है. स्विगी की वैल्यू 68918 करोड़ रुपये थी. वह 2.84 बिलियन डॉलर (23,625.96 करोड़ रुपये) की कुल संपत्ति के साथ अमीर भारतीयों की लिस्ट में 83वें नंबर पर हैं.