
डायबिटीज में खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर हाई रहने लगता है। खून में ग्लूकोज का उच्च स्तर नसों को कमजोर बना देता है और धीरे-धीरे दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचने लगता है। लेकिन आम के पत्तों का इस्तेमाल करके ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। सबसे पहले हमें ये समझने की जरूरत है कि मधुमेह की बीमारी होती कैसे है। दरअसल, हर चीज में थोड़ा या ज्यादा ग्लूकोज (शुगर) होता है, जो कि खाने के बाद खून में घुलने लगता है। शरीर में मौजूद इंसुलिन हॉर्मोन इसे कंट्रोल करके धीरे-धीरे इस्तेमाल करने लायक बनाता है। जब इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या फिर यह बेअसर हो जाता है, तो खाद्य पदार्थों में मौजूद शर्करा खून में तेजी से घुलती है और ये स्थिति डायबिटीज कहलाती है। लेकिन, आम के पत्तों का इस्तेमाल करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है।
आम के पत्तों में भरा है इंसुलिन
पब्लिश स्टडी दावा करती है कि आम के पत्तों में विभिन्न फाइटोकेमिकल होते हैं, जिनमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इनके अंदर मैंगीफेरिल कंपाउंड भी होता है, जो शरीर में इंसुलिन का असर बढ़ाता है और शुगर को कंट्रोल में रखता है।
कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड और मोटापे की टेंशन भी खत्म
इस शोध में आगे बताया गया है कि शुगर कंट्रोल करने के अलावा आम के पत्ते लिपिड प्रोफाइल को भी सुधारते हैं। जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल भी कंट्रोल में आ जाता है। साथ में आप मोटापे से भी बचाव कर सकते हैं।
डायबिटीज में आम के पत्तों का इस्तेमाल
बीमारी को कंट्रोल करने के लिए आम के पत्तों का रस फायदेमंद होता है। इसे निकालने के लिए आप दो तरीके अपना सकते हैं।
पहला तरीका
10-15 पत्तों को सिलबट्टे पर पीस लें और फिर इन्हें निचोड़कर रस निकालें और खाली पेट रस का सेवन करें।
दूसरा तरीका
आम के 10-15 पत्ते लेकर 1 गिलास पानी में तबतक उबालें, जबतक पानी आधा नहीं हो जाता। फिर इसे ढककर रातभर छोड़ दें और सुबह खाली पेट इसे छानकर पी लें।
मीठा खाने के बाद भी कंट्रोल रहेगा ब्लड शुगर
डायबिटिक पेशेंट का ब्लड ग्लूकोज मीठी चीजें खाने के बाद एकदम ऊंचा हो जाता है, जो कि शरीर के लिए खतरनाक है। मगर यही स्टडी कहती है कि आम के पत्तों का इस्तेमाल खाने के बाद भी रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
एक्सपर्ट की मदद लेना ना भूलें
ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाला कोई भी उपाय अपनाने से पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की मदद जरूर लें। वह आपको उपाय की सही मात्रा के बारे में उचित सलाह देगा।