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लखनऊ: मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव शपथ लेते ही एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. मोहन यादव सरकार ने बुलडोजर एक्शन लेने के साथ ही खुले में मांस की बिक्री पर अंकुश को लेकर गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने की बात कही गई है. इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एमपी सरकार इस विवादास्पद फैसले पर पुनर्विचार करे.
X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश में नवगठित बीजेपी सरकार ने बेरोजगारों और अन्य गरीब मेहनतकश लोगों को आजीविका प्रदान करने का फैसला करने के बजाय उन लोगों का दमन करना शुरू कर दिया है, जो रोजगार के अवसरों की कमी के कारण मछली, अंडे, मांस आदि बेचकर स्वरोजगार कर रहे हैं. यह कितना उचित है? इस विवादास्पद निर्णय पर पुनर्विचार आवश्यक है.
मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को एक निर्देश जारी कर राज्य में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज को नियंत्रित करने के लिए कहा गया है. पद की शपथ लेने के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक करते हुए उन्होंने खुले स्थानों पर मांस और मछली की बिक्री पर भी अंकुश लगाने की बात कही थी.
मायावती ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश सरकार को ही नहीं बल्कि सभी सरकारों को महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आदि को खत्म करने पर तत्परता से काम करने की जरूरत है. फिर भी अगर इन वस्तुओं के खुले व्यापार पर इतनी ही आपत्ति है तो सरकार क्यों नहीं दुकानों को तोड़ने से पहले उन्हें आवंटित करने की व्यवस्था बनाती है.