छत्तीसगढ़ की हारी सीट पर जीत के समीकरण साधेंगे मोदी-खरगे, जानें चुनावी गणित

Modi-Kharge will try to win the lost seat of Chhattisgarh, know the electoral math
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रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के चुनावी रण में उतरने से पहले कांग्रेस और भाजपा समीकरण साधने की जुगत में है। भाजपा विधानसभा चुनाव में हारी सीट का समीकरण साधने के लिए जहां पीएम मोदी की रायगढ़ में सभा कर रही है। तो कांग्रेस ने जांजगीर-चांपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की चुनावी सभा कराने जा रही है।

बिलासपुर संभाग में कांग्रेस की हालत सबसे ज्यादा खराब
बिलासपुर संभाग में कांग्रेस की सबसे ज्यादा हालत खराब है। पिछले विधानसभा चुनाव में संभाग की 24 में से 11 सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस की इतनी बड़ी हार किसी और संभाग में नहीं हुई थी। खरगे पहले 11 अगस्त को मिनीमाता की पुण्यतिथि पर सभा करने वाले थे, लेकिन संसद के गतिरोध के कारण उनका दौरा अब 13 अगस्त को होगी। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी की रायगढ़ में सभा 17 अगस्त को होगी। राजनीतिक प्रेक्षकों की मानें तो यह क्षेत्र पहले कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। 1980 के दशक में जांजगीर से जब बसपा प्रमुख कांशीराम ने चुनाव लड़ा, उसके बाद से धीरे-धीरे कांग्रेस कमजोर होती गई।

रायगढ़ के आसपास 19 सीट पर भाजपा के एक भी विधायक नहीं
रायगढ़ में पीएम मोदी की सभा की जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी को सौंपी गई है। रायपुर की सभा की तर्ज पर बड़ी संख्या में लोगों को बुलाने की तैयारी चल रही है। दरसअल, रायगढ़ के आसपास सरगुजा और जशपुर की 19 विधानसभा सीट पर भाजपा के एक भी विधायक नहीं है। जबकि रायगढ़ और सरगुजा लोकसभा सीट पर भाजपा के सांसद हैं। सरगुजा को साधने के लिए भाजपा ने आदिवासी नेत्री रेणुका सिंह को मोदी सरकार में मंत्री बनाया है। अब इन सीटों को जीत की कवायद की जा रही है।

पीएम के दौरे से नहीं पड़ेगा कोई असर: सैलजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि वे कितने भी दौरे कर लें, इससे कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पिछले पांच साल में हमारी सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ का विकास किया है, हर समुदाय का विकास किया है। हमें अपने काम पर विश्वास है। हमें अपने नेतृत्व पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को हर राज्य को अपना राज्य समझना चाहिए, चाहे वहां किसी भी पार्टी की सरकार हो। चुनाव आ रहा है, तो बार-बार प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं। केंद्र सरकार से जो भेदभाव होता रहा है, यहां की जनता समझ गई है।

इन सीटों पर कांग्रेस के विधायक नहीं
बिलासपुर संभाग में कांग्रेस की स्थिति सबसे कमजोर है। यहां पांच सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे स्थान पर थे। दरसअल, पिछले विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा के बीच गठजोड़ हुआ था। जांजगीर क्षेत्र में बसपा का खासा प्रभाव है। यहां से दो बसपा उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी। कांग्रेस को पिछले चुनाव में कोटा, मुंगेली, लोरमी, बिल्हा, बेलतरा, मस्तुरी, अकलतरा, जांजगीर-चांपा, जैजेपुर और पामगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था।