खून से लथपथ बेटी को लेकर रातभर भटकती रही मां, थाना-थाना खेलती रही पुलिस

Mother wandered all night with her blood-soaked daughter, police kept playing police station
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लखनऊ: ‘ये तो गोमतीनगर थाने का मामला है, वहां ले जाइये’। ‘यहां क्यों आए हैं, ये मामला तो विभूतिखंड थाने का है, वहीं लेकर ले जाइये’। ‘अरे, ये मामला तो सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र का है, क्योंकि रेप तो वहीं हुआ है, वहां ले जाइये’। एक गैंगरेप पीड़िता को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस पूरी रात यही कहकर घुमाती रही। पीड़िता बेहोशी की हाल में थी, उसकी मां बताती रही कि मेरी बेटी का रेप हुआ, मुदकमा दर्ज करिये। लेकिन पुलिस तो थाना-थाना खेल रही थी। लखनऊ के सबसे पॉश इलाके गोमती नगर में शनिवार 15 अक्टूबर को एक छात्रा का गैंगरेप हुआ। वारदात तब की है जब वह ट्यूशन पढ़ाकर घर के लिए निकली थी। अपने घर हुसैनगंज जाने के लिए वह ऑटो में थी। इसके बाद उसे दूसरी जगह ले जाया गया जहां दो लोगों ने उसका रेप किया और उसे हुसड़िया चौराहे पर उस जगह फेंक गये जहां से हुसड़िया पुलिस बूथ की दूरी मुश्किल से 100 मीटर है। मौके पर पहुंची पीड़िता की मां बदहवास बेटी का लेकर थाने चक्कर काटती रही। लगभग 18 घंटे बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।

पहले पूरा घटनाक्रम समझते हैं
मामला शनिवार 15 अक्टूबर का है। पीड़िता ने पुलिस को जो बताया और एफआईआर की कॉपी में जो लिखा है, उसके अनुसार वह 18 साल की है और 12वीं की छात्रा है। घर की स्थिति ठीक नहीं है इसलिए पढ़ने के साथ-साथ पढ़ाती भी है। हुसैनगंज की रहने वाला छात्रा कठौता चौराहे से घर जाने के लिए शाम लगभग 6.30 बजे ऑटो पकड़ती है। ऑटो में ड्राइवर के अलावा एक और आदमी था। उसे लगा कि वह सवारी है।

छात्रा ने आगे बताया कि जैसे ही गाड़ी हुसड़िया चौराहे पर पहुंची, ड्राइवर ने ऑटो शहीद पथ पर चढ़ा दिया। विरोध करने पर ड्राइवर ने बताया कि वह एक सवारी लेने जा रहा। लेकिन गाड़ी जब नहीं रुकी तो उसने शोर मचाना शुरू किया। इसके बाद पीछे बैठे शख्स ने किसी चीज से उसके सिर पर मारा और वह बोहोश हो गई।

उसे जब होश आया तो उसे पता चला कि वे दोनों उसे प्लासियो मॉल के पीछे झाड़ियों में लगे गये हैं। वहां उन दोनों ने उसका बारी-बारी से 3 घंटे तक रेप किया जिसके बाद वह बेसुध हो गई। दोनों उसे हुसड़िया चौराहे पर छोड़कर भाग गये।

18 घंटे बाद दर्ज हुआ मामला
आरोपी पीड़िता को हुसड़िया चौराहे पर छोड़कर भाग गये। वहां से गुजर रहा एक अनजान युवक पंकज ने पीड़िता की मदद की। पंकज कहते हैं, ‘मैं खाना खाकर टहलने के लिए निकला था। उस समय 8.50 हो रहा था। मैंने देखा कि हुसड़िया चौराहे पास कुछ लोग जमा थे। वह पुलिस बूथ (पिंक बूथ) के बगल में ही खड़ी थी। जहां उसे फेंका गया था, वहां से पिंक बूथ की दूरी मुश्किल से 100 मीटर होगी। दो पुलिसकर्मी आये भी। उन्होंने मामला पूछा और आगे निकल गये। चौकी इंचार्ज भी थे। मैंने जब पीड़िता को देखा तो वह ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। वह बैठ भी नहीं पा रही थी। उसके पैरों और हाथों पर चोट थी। ब्लीदिंग हो रही थी। वह बड़ी मुश्किल से रेलिंग के सहारे खड़ी थी। उसने मुझसे कहा कि आप मेरी मम्मी को फोन कर दीजिये। मैंने उन्हें बुलाया और वह 9:30 से पहले मौके पर आ जाती हैं। आते ही बेटी की स्थिति देखकर वह बेहोश हो गईं। इसके बादे हमने 1090 पर फोन किया। पुलिस आई और उन्होंने कहा कि यह तो हमारी चौकी का मामला ही नहीं है। यह कहकर पुलिस वाल चले गये।’

पीड़िता की दोस्त और साथ पढ़ने वाली छात्रा ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये। छात्रा ने कहा कि मां के साथ मैं भी आई थी। हम उसे देखकर डर गये। हम रातभर थानों के चक्कर काटते रहे। गोमतीनगर थाने गये तो बोले विभूतिखंड थाने का मामला है। वहां गये तो बोले सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र का मामला है। इसके बाद हम घर लौट गये। अगले दिन हम हुसैनगंज थाने गये तो वहां बोला गया कि विभूतिगंज थाने जाइये। थाने में हम कम से कम 7 घंटे बैठे रहे, तब जाकर मामला शाम 6 बजे के बाद दर्ज किया गया। पुलिस 6 बजे मेडिकल के लिए ले गई तो डॉक्टर ही नहीं थे। दो घंटे बाद डॉक्टर आये। वह परेशान है। कम से कम 20 लोगों को पूरा मामला बता चुकी है।

पुलिस की कार्रवाई और बयान
घटना के बारे में लखनऊ पूर्वी की डीसीपी प्राची सिंह कहती हैं ‘विभूति खंड थाना क्षेत्र में हुई गैंग रेप की घटना में लापरवाही बरतने के मामले में चौकी इंचार्ज हुसड़िया हुसैन अब्बास को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस के मुताबिक पीड़िता के साथ दुष्कर्म 15 तारीख को ट्यूशन पढ़ाकर लौटते वक्त ऑटो चालक और उसके साथी ने ऑटो में किया, रेप करने के बाद पीड़िता को हुसड़िया चौराहे पर फेंक कर फरार हो गए। घटना के बाद पीड़िता की शिकायत के बाद भी स्थानीय पुलिस ने लापरवाही बरती जिसकी वजह से हुसड़िया चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है और लापरवाही के मामले में एडीसीपी ईस्ट को जांच दी गई है जिसमे जिन पुलिस कर्मियों ने लापरवाही बरती है उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।’

इसके अलावा पीड़िता को इस थाने से उस थाने तक दौड़ाने वाले विभूतिखंड, गोमतीनगर और सुशांत गोल्फ सिटी के इंचार्जों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है। पीड़िता का इलाज झलकारी बाई अस्पताल में हो रहा।

एक आरोपी फरार, ऑटो पर सवाल
दो आरोपी में से एक अभी भी फरार है। लखनऊ सीपी मामले को लेकर आज खुलासा भी कर सकते हैं। इइस बीच पुलिस ने सोमवार को वारदात में शामिल ऑटो को जब्त कर लिया। ऑटो देखने में नई लग रही और उस पर नंबर प्लेट भी नहीं है। ऑटो में पीछे की तरफ स्वास्तिक का निशान बना है। ऐसे में अब सवाल यह भी है कि अगर गाड़ी इमरान की है तो ऑटो पर स्वास्तिक का निशान कैसे बना है? तो क्या ये गाड़ी किसी और की है?