‘मुस्लिम सबसे ज्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं’

'Muslims use condoms the most'
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Asaduddin Owaisi News: मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ सियासत का थर्मामीटर भी ऊपर चढ़ने लगा है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार करते हुए नेताओं के तेवर तीखे होने लगे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संपत्ति बांटने’ वाले बयान पर राजनीतिक संग्राम छिड़ा. मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ‘देश की संपत्ति उन लोगों को बांटना चाहती है जिनके ज्यादा बच्चे हैं.’ कांग्रेस समेत तमाम दलों ने इसे सीधे मुस्लिमों पर हमला बताया.

AIMIM के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कंडोम का जिक्र छेड़ दिया. ओवैसी ने दावा किया कि देश में सबसे ज्यादा कंडोम का इस्तेमाल मुसलमान करते हैं. ओवैसी ने एक वीडियो में कहा, ‘वज़ीर-ए-आज़म कहते हैं कि मुस्लिम ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं. मोदी सरकार का खुद का डेटा कहता है कि मुस्लिमों में प्रजनन दर घटी है, लेकिन वो कहते हैं कि हम ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं.’ ओवैसी के मुस्लिमों में प्रजनन दर घटने और सबसे ज्यादा कंडोम यूज के दावे की हकीकत क्या है, आगे जानिए.

भारत में मुस्लिम प्रजनन दर क्या है?
ओवैसी जिस सरकारी डेटा की बात कर रहे हैं, वह राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 की रिपोर्ट है. 2019-2021 के बीच हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) में सभी धर्मों के बीच प्रजनन दर के आंकड़े रखे गए थे. यह सर्वे केंद्र सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) कराता है. NFHS-5 के मुताबिक, पिछले दो दशकों में मुस्लिम प्रजनन दर सभी धर्मों में सबसे तेजी से कम हुई है. 1992-93 में हुए पहले सर्वे में मुस्लिम प्रजनन दर 4.4 थी. 2019-21 में हुए पांचवें सर्वे के दौरान, मुस्लिम प्रजनन दर 2.3 दर्ज की गई. यानी एक मुस्लिम महिला अपने जीवनकाल में औसतन 2.3 बच्चों को जन्म दे रही थी.

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार, सभी धर्मों में मुस्लिमों की प्रजनन दर अब भी सबसे ज्यादा है. हिंदुओं में प्रजनन दर 1.94 दर्ज की गई. सर्वे के आंकड़े देखें तो हिंदुओं और मुस्लिमों की प्रजनन दर का अंतर बड़ी तेजी से घट रहा है.

धर्म/समुदाय NFHS-5 के अनुसार प्रजनन दर (TFR)
हिंदू 1.94
मुस्लिम 2.36
ईसाई 1.88
सिख 1.61
बौद्ध-नवबौद्ध 1.74
जैन 1.6
ओवरऑल (भारत) 2

सबसे ज्यादा कंडोम कौन यूज करता है?
सर्वे में परिवार नियोजन के आधुनिक तरीकों के इस्तेमाल का आंकड़ा भी शामिल था. NFHS-4 में जहां 37.9 प्रतिशत मुस्लिमों ने आधुनिक कॉन्ट्रासेप्टिव्स का इस्तेमाल करने की बात कही थी. NFHS-5 में 47.4% मुस्लिमों ने कहा कि वे मॉडर्न कॉन्ट्रासेप्टिव्स का यूज करते हैं. NFHS-5 के अनुसार, 32 फीसदी मुस्लिम पुरुष मानते हैं कि गर्भनिरोधन महिलाओं की जिम्मेदारी हैं.

NFHS-5 के अनुसार, गर्भनिरोधक गोलियों का प्रयोग मुस्लिमों में सबसे अधिक है. कंडोम का यूज करने में मुस्लिमों का नंबर सिखों और जैनियों के बाद तीसरा है. यानी ओवैसी का दावा कि सबसे ज्यादा मुस्लिम पुरुष सबसे ज्यादा कंडोम यूज करते हैं, सही नहीं है. देश में कंडोम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल जैन पुरुष करते हैं.

पीएम मोदी के बयान पर आया था ओवैसी का पलटवार

आवैसी ने अपने वीडियो में कहा कि यह बिल्कुल झूठ है कि मुस्लिम इस देश में ज्यादा हो जाएंगे. AIMIM नेता ने कहा कि भारत में हमेशा हिंदू ही बहुसंख्यक रहेंगे. ओवैसी ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट में कहा, ‘नरेंद्र मोदी की की एक ही गारंटी है, दलितों और मुसलमानों से नफ़रत करो. एक मुल्क का वज़ीर-ए-आज़म इस मुल्क की 15 फ़ीसद अवाम को घुसपैठिया कहता है, इससे शर्मनाक बात कुछ और नहीं हो सकती.’

पीएम मोदी ने राजस्थान की एक चुनावी रैली में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बयान दिया था. मोदी ने कहा था, ‘ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.’