लखीमपुर कांड को लेकर मुजफ्फरनगर में किसानों ने किया चक्का जाम

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मुजफ्फरनगर। लखीमपुरी खीरी में शहीद किसानों को न्याय की मांग को लेकर आज भारतीय किसान यूनियन तोमर के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर कब्जा कर लिया और चक्का जाम करते हुए आरोपी मंत्री को बर्खात करने की मांग की। किसानोें के इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली देहरादून हाईवे पर काफी लम्बा जाम लग गया था। लोगों को जाम के कारण गर्मी में बेहाल होना पड़ा। देहात क्षेत्रों में इस प्रदर्शन के कारण काफी हलचल मची रही। सुरक्षा को लेकर पुलिस बल तैनात रहा। इस प्रदर्शन के दौरान भाकियू तोमर के नेताओं ने केन्द्र सरकार से एक बार फिर कृषि कानून रद्द करने की मांग करते हुए और इसके लिए आंदोलन जारी रखने की चेतावनी भी दी गई।

लखीमपुर खीरी के साथ ही किसान आंदोलन में अब तक शहीद हो चुके किसानों को भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने आज चक्का जाम प्रदर्शन के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। कृदिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे सहित पानीपत खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग को भी भाकियू तोमर के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने अलग अलग स्थानों पर सड़कों पर आकर जाम लगाते हुए कब्जा लिया गया। किसानेां ने इस प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि लखीमपुर खीरी में शहीद हुए चार किसानों के साथ ही पत्रकार रमन कश्यप की गत दिवस अंतिम अरदास घटनास्थल पर की गयी हैै। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने गृह राज्यमंत्री अजय टेनी को बर्खास्त करने की मांग भी उठा दी है।

बुधवार को भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. संजीव तोमर के नेतृत्व में किसान सवेरे ही सड़कों पर उतर आये थे। जिले में खतौली नावला कोठी, मोरना में चरण सिंह चौराहे, शाहपुर, जानसठ और अन्य देहात क्षेत्र में किसानों के साथ भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर ही दरी और टैंट लगाकर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान ट्रैक्टर और अन्य वाहन लगाकर किसानों ने हाईवे और अन्य मार्गों पर जाम लगा दिया। नावला कोठी पर किसानों ने भारी संख्या में एकत्र होेकर वहां पर केन्द्र सरकार की नीतियों को लेकर विरोध जताया। हाईवे पर किसानों के चक्काजाम के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़कों पर वाहनों की लम्बी कतारें लग गयी थी। घंटों तक हाईवे पर लोगों को जाम का सामना करना पड़ा। भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि लखीमपुर खीरी में किसानों की शहादत को बेकार नहीं होने दिया जायेगा। कृषि कानूनों की वापसी तक यह आंदोलन चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज देश के साथ ही प्रदेश में भी किसानों का उत्पीड़न चरम पर हो रहा है।