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शिमला : हिमाचल प्रदेश में एमबीबीएस कर चुके 400 डॉक्टरों की नई भर्तियों पर पेच फंस गया है। सरकार ने इनकी भर्तियां पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से करने का फैसला लिया है। लेकिन एमबीबीएस कर चुके डॉक्टरों के अभिभावकों और नेताओं के विरोध के चलते यह भर्तियां फंस गई हैं। वे वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से यह भर्तियां करवाने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं। सरकार ने फिलहाल यह फाइल पेंडिंग में डाल दी है। अब कैबिनेट की बैठक में इस पर फिर से चर्चा होनी है।
स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भर्तियों के लिए पहले व्यवस्था थी कि एमबीबीएस करने के बाद सरकारी क्षेत्र में नौकरी पाने के लिए स्वास्थ्य निदेशालय में डॉक्टरों साक्षात्कार लिए जाते थे। यह इंटरव्यू सप्ताह में दो बार होते थे। हिमाचल में अधिकांश डॉक्टरों की भर्तियां इस तरह से की गई हैं, लेकिन इसमें दिक्कत यह आ रही थी कि जिन डॉक्टरों ने नीट की परीक्षा पास कर एमबीबीएस की है, उनके मार्क प्राइवेट मेडिकल संस्थान से करने वाले एमबीबीएस डॉक्टरों से कम रहते हैं।
साक्षात्कार के दौरान ज्यादातर निजी संस्थान से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों का ही चयन हो रहा था। ऐसे में सरकार ने पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से एमबीबीएस डॉक्टरों की परीक्षा करने का फैसला लिया था। डॉक्टरों की यह भर्तियां उलझन में पड़ गई है। अब इनका चयन कमीशन या फिर पहले की तरह वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से किया जाना है। इसका फैसला कैबिनेट में लिया जाएगा।
हिमाचल में डॉक्टरों की कमी नहीं
हिमाचल में डॉक्टरों के तकरीबन सभी पदों को भर लिया गया है। अब नए स्वास्थ्य संस्थानों को खोला जा रहा है। ऐसे में डॉक्टरों की भर्तियां की जानी हैं।
सा पेच, जानें पूरा मामला