जेब में पर्स नहीं रखते नितिन गडकरी, वजह बताते ही लगने लगे ठहाके

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इंदौर। मोदी सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं. पूर्व लोकसभा स्पीकर पद्म भूषण सुमित्रा महाजन की किताब के विमोचन के लिए नितिन गडकरी इंदौर पहुंचे हुए थे, जहां उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी एक ऐसी घटना सुनाई जिसे सुनकर सब ठहाके लगाने लगे. इस दौरान उन्होंने ताई की जमकर तारीफ भी की.

तीन-चार बार कट गई गडकरी की जेब
सुमित्रा महाजन के जीवन पर आधारित किताब के विमोचन कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने राजनीतिक जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया, उन्होंने बताया कि ”जब वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो उनके स्वागत में लोगों की भारी भीड़ आती थी. इस स्वागत सत्कार के दौरान उनकी तीन-चार बार जेब कट गई, कोई उनका पॉकेट मार ले जाता था. अब अगर यह बात न्यूज बन जाती थी, इसलिए मैनें पॉकेट रखना ही बंद कर दिया.” उनकी इस बात के बाद लोग जमकर हंसने लगे.

तामझाम से दूर रहे नेता
इस दौरान नितिन गडकरी ने नेताओं को तामझाम से दूर रहने की सलाह भी दी. उन्होंने कहा कि ”नेताओं को भी दिखावे से दूर रहना चाहिए. उन्होने पार्टी नेताओं को स्वागत के दौरान हार न पहनने की भी सलाह दी. गडकरी ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में फिजूलखर्ची से बचना चाहिए हर कार्यक्रम केवल सादगी से होना चाहिए. उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस को याद करते हुए कहा, वह इतने सादगी पसंद नेता थे कि अपने दांत का इलाज कराने अकेले ही नागपुर आ जाते थे और उन्हें लेकर रेस्टोरेंट जाते थे. उनसे ज्यादा सिंपल और साधारण व्यक्ति मैंने नहीं देखा, वह आज भी मेरे आईकन हैं.”

नितिन गडकरी ने बताया कि कि ”एक बार एक कार्यक्रम में उन्हें फूलों से लाद दिया गया, जब उन्होंने इस बात की जानकारी जुटाई कि फूल कहा से आए हैं, तो पता चला कि फूल नगर निगम की तरफ से बुलाए गए हैं. गर निगम में कितने ज्यादा रुपए का बिल लगाया होगा. इसके बाद उन्होंने स्वागत सत्कार से किनारा करना शुरू कर दिया. गडकरी ने कहा कि फिलहाल वह जेड प्लस सिक्योरिटी में रहते हैं, इसलिए स्वागत सत्कार से बच जाते हैं. लेकिन दूसरे नेताओं को भी इससे बचना चाहिए.”

ताई कभी पूर्व नहीं हो सकती
केंद्रीय मंत्री ने पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की तारीफ करते हुए कहा कि सांसद पूर्व सांसद हो जाता है, विधायक पूर्व विधायक हो जाता है. इसके बाद बंगला गाड़ी लाव-लश्कर सब चला जाता है, लेकिन भाजपा में कार्यकर्ता कभी पूर्व कार्यकर्ता नहीं होता. इसी तरह सुमित्रा महाजन कभी पूर्व नहीं हो सकती है.