Tonk: राजस्थान के टोंक पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी इन दिनों अपने नवाचारों को लेकर जिलेवासियों में पुलिस की छवि को सुधारने की कवायद कर रहे हैं, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे हैं.
वहीं, अब पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने राजस्थान पुलिस के ऑपरेशन मिलाप थ्री के तहत गुमशुदा बच्चों को तलाश कर उनके परिजनों तक पहुंचाने के अभियान को गति दी है, जिसके तहत आज पुलिस लाइन टोंक में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया.इस कार्यशाला में यूनिसेफ,एक्शनएड सहित कई संस्थाओं के साथ मिलकर इस ऑपरेशन के साथ टोंक पुलिस अब बच्चों में भी अपनी दोस्ती गांठने की कवायद में जुटी है.
इसके साथ ही अब टोंक जिले के बच्चों में पुलिस का डर और दागदार छवि को बदल कर पुलिस अंकल वाली छाप छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी विभिन्न एनजीओ और सामाजिक संगठनों के माध्यम से जिलेभर के सभी पुलिस थानों के मुख्यालय पर कार्यशाला का आयोजन करने का बीड़ा उठाया है.
इसके साथ ही रेड लाइट वाले इलाकों में देह व्यापार में धकेली जाने वाली किशोरियों के बारे में भी जानकारी जुटाने और उनके जीवन को खुशहाल कर उन्हे शिक्षा से जोड़ने की तैयारी भी कर ली है. पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने कहा कि राजस्थान पुलिस एक ओर ऑपरेशन मिलाप का तीसरा फेज शुरू कर दिया है. इसके तहत मां-बाप से बिछड़े बच्चों को घर पहुंचाने का जिम्मा उठाया है.
साथ हीं, दूसरी और राहत की खबर यह है कि अजमेर रेंज आईजी द्वारा शुरू किया गया स्पीक अप प्रोग्राम को अब राजस्थान पुलिस ने पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है. अजमेर रेंज से आई सार्थक परिणामों के बाद पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी कर इसे सभी पुलिस अधीक्षकों को अपने जिलों में व्यापक प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी दी है.
वहीं, खुद पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने भी पुलिस की छवि को आमजन के साथ बच्चों में सुधारने के लिए पुलिस को पुलिस अंकल वाली परिभाषा में लाने का बीड़ा उठाया है और दोहराया है कि हम जल्द ही इस मिशन को सफल बनाएंगे.