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मेलबर्न: इंग्लैंड ने 2010 में वेस्टइंडीज में पॉल कॉलिंगवुड की कप्तानी में पहला टी-20 विश्व कप खिताब जीता था। अब जोस बटलर ने 12 साल बाद अपने डेब्यू सीजन में ही इंग्लैंड को दोबारा चैंपियन बना दिया। अंग्रेजों पर पैसों की बरसात हुई है। आईसीसी ने 1.6 मिलियन डॉलर यानी लगभग 13 करोड़ रुपये का ईनाम दिया। हारने के बावजूद पाकिस्तानी टीम भी मालामाल हो गई। बाबर सेना को 8 लाख डॉलर लगभग साढ़े छह करोड़ रुपये मिले। पाकिस्तानी रुपये में इसकी वैल्यू करीब साढ़े 17 करोड़ है। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को 400,000 डॉलर यानी भारत और न्यूजीलैंड के खाते में लगभग सवा 3 करोड़ रुपये आए। सुपर-12 राउंड में बाहर होने वाली शेष आठ टीमों को 70,000 डॉलर मिले। सुपर 12 चरणों में हर जीत की कीमत 40,000 डॉलर है।
बेन स्टोक्स ने फिर बनाया चैंपियन
इंग्लैंड के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सैम करन और लेग स्पिनर आदिल राशिद ने पाकिस्तानी बल्लेबाजी लाइनअप को इतने दबाव में ला दिया था कि प्रतिद्वंद्वी टीम आठ विकेट पर 137 रन ही बना सकी। पाकिस्तान की कमाल की गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड की टीम दबाव में आ गई थी लेकिन शाहीन शाह अफरीदी (2.1 ओवर में 13 रन देकर एक विकेट) के चोटिल होकर मैदान से बाहर जाने के बाद मैच का रूख बदल गया। स्टोक्स की 49 गेंद (पांच चौके, एक छक्का) की पारी से इंग्लैंड 19 ओवर में पांच विकेट पर 138 रन बनाकर चैंपियन बना। स्टोक्स ने 2019 वनडे विश्व कप में भी अपनी टीम को चैम्पियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बाबर नहीं दोहरा पाए इमराम वाला करिश्मा
पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम की इसी मैदान पर अपने देश के महान क्रिकेटर इमरान खान की उपलब्धि (1992 की 50 ओवर की विश्व कप विजेता टीम) की बराबरी करने की तमन्ना पूरी नहीं हो सकी। इंग्लैंड की शुरूआत अच्छी नहीं रही, उसने पावरप्ले में 49 रन पर तीन विकेट गंवा दिये थे जबकि इस समय पाकिस्तान का स्कोर एक विकेट पर 39 रन था। पाकिस्तान को पहली सफलता अफरीदी ने दिलाई, जिन्होंने पहले ही ओवर में सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स (01) को बोल्ड कर दिया। इस तरह इंग्लैंड ने इसी प्रतिद्वंद्वी पर 1992 का विश्व कप फाइनल गंवाने का बदला चुकता किया।