छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर में चार दिन पहले जहां जवानों ने ढेर किए 13 नक्सली, वहीं दहाड़ेंगे PM मोदी

PM Modi will roar at the place where soldiers killed 13 Naxalites four days ago in Bijapur, Chhattisgarh.
PM Modi will roar at the place where soldiers killed 13 Naxalites four days ago in Bijapur, Chhattisgarh.
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रायपुर। बस्तर लोकसभा सीट में भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने खुद देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ अप्रैल को बस्तर पहुंच रहे हैं। वह जगदलपुर मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर आमाबाल गांव में चुनावी सभा करेंगे। बस्तर संसदीय क्षेत्र का यह गांव उस क्षेत्र में है जहां कोंडागांव, दंतेवाड़ा, बस्तर और नारायणपुर जिले का बार्डर लगता है। बीजापुर में चार दिन पहले ही सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ को जवानों ने 13 नक्सलियों को ढेर किया था। वहीं मोदी जवानों का हौसला बढ़ाते हुए नक्सल विरोधी अभियान के खिलाफ भी बड़ा संदेश देंगे।

मोदी जहां भाषण देंगे उसके पांच किलोमीटर के दायरे तक जवानों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा ड्रोन से भी पूरे इलाके में नजर रखी जाएगी। प्रधानमंत्री का बस्तर दौरा और पीएम के प्रवास को देखते हुए सैकड़ों की संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा रही है। बस्तर लोकसभा सीट राज्य की सबसे अहम सीटों में से एक मानी जाती है, नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में इस बार कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री कवासी लखमा और भाजपा के महेश कश्यप के बीच चुनावी मुकाबला है, इस वजह से यहां पर टक्कर हो रही है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का शनिवार को प्रस्तावित कवर्धा दौरा टल गया है। अब उनकी बजाय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. माेहन यादव चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। प्रदेश के गृह मंत्री व उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट करके यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि शनिवार दोपहर 12 बजे से मप्र के मुख्यमंत्री सरदार पटेल मैदान पर सभा को संबोधित करेंगे।

1998 में भाजपा ने खोला खाता, अभी कांग्रेस के सांसद
बस्तर संसदीय क्षेत्र में प्रदेश की 12 विधानसभा क्षेत्र आता है। इनमें विधानसभा चुनाव 2023 में आठ सीटों पर भाजपा और चार सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई थी। लोकसभा चुनाव की बात करें तो 1998 में भाजपा ने बस्तर लोकसभा सीट से जीत का खाता खोला था और 2014 तक भाजपा के सांसद ही काबिज रहे।

1998 से लेकर 2011 तक भाजपा के टिकट पर बलिराम कश्यप ने यहां से लगातार चार बार जीत हासिल की और कांग्रेस को हराया, लेकिन 2011 में उनके निधन के बाद यहां उप चुनाव करवाए गए, जिसमें उनके बेटे दिनेश कश्यप और कवासी लखमा के बीच मुकाबला हुआ। कश्यप ने जीत दर्ज की। 2014 के चुनाव में भी दिनेश कश्यप ने अपनी जीत को बरकरार रखा और यहां से सांसद चुने गए।