छत्तीसगढ़ में मिशन-2023 की तैयारी, CM भूपेश करेंगे 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को अभी डेढ़ साल का समय बचा है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा खेमों की हलचल बता रही है कि दोनों पक्षों ने चुनावी झांकी सजानी शुरू कर दी है। दिल्ली से रायपुर तक बैठकों का दौर चल पड़ा है। रणनीतियां बन रही है। चक्रव्यूह रचे जा रहे हैं। हर हाल में जीत के लिए फार्मूला तय हो रहा है। सीएम भूपेश बघेल 4 मई से 90 विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर निकल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा से प्रदेशव्यापी दौरे का आगाज कर रहे हैं। मोदी सरकार के मंत्रियों का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा भी हो रहा है। दोनों ही पार्टियों का मकसद विकास कार्यों की जमीनी पड़ताल करना है, लेकिन उद्देश्य मिशन-2023 की रणनीति और लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना है।

भूपेश सरकार और कांग्रेस संगठन ने दोनों स्तर पर जमीन में उतर कर किलेबंदी शुरू कर दी है। वहीं विपक्षी पार्टी भाजपा भी लगातार उन मुद्दों की तलाश में है जो सरकार की सेहत और कांग्रेस की तैयारियों पर भारी पड़े। प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले डेढ़ साल बाद होगा, लेकिन कांग्रेस 2023 में मिशन 71 पर काम कर रही है। इधर भाजपा पर कांग्रेस के विजयरथ को रोकने का टेंशन है। खैरागढ़ उप चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस व सत्तापक्ष का मनोबल आसमान पर है। सीएम भूपेश बघेल जनता का फीडबैक लेने 90 विधानसभा सीटों पर जाएंगे तो संगठन भी चुनावी रणनीतियों को धार देने में जुटी है। प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस की तैयारियों ने सियासी पारा भी गर्म होने लगा है।

सरकार को घेरने आक्रामक हुई भाजपा
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित प्रदेश भाजपा के नेताओं की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात और मंत्रणा के बाद पार्टी सरकार को आंदोलनात्मक और संगठनात्मक तौर पर घेरने आक्रामक हो गई है। अभी प्रदर्शन को लेकर गृह विभाग द्वारा जारी आदेश पर भाजपा मुखर है। संगठन को मजबूत करने के साथ भाजपा 2023 में सत्ता वापसी पर पूरा फोकस कर रही है। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश लगातार संगठन की बैठक लेकर रणनीति बना रहे हैं। मोदी सरकार के कामकाज को ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाना है। 4 मई को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय का छत्तीसगढ़ दौरा भी इसी उद्देश्य से हो रहा है। वे अति नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में केंद्र सरकार की योजनाओं की जमीनी हकीकत देखेंगे। केंद्रीय मंत्रियों के दौरे के बहाने भाजपा कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में जुट गई है।

संगठन को मजबूत करने की कवायद
छत्तीसगढ़ में भाजपा की लगातार हार से राष्ट्रीय नेतृत्व चिंतित है। संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के उद्देश्य से नेताओं का लगातार दौरा हो रहा है। अप्रैल में आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पहुंचे। छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में केंद्र की योजनाओं को देखने के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं से केंद्रीय मंत्रियों की मुलाकात हुई। कार्यकर्ताओं में इसे लेकर उत्साह है। राजनीतिक जानकार केंद्रीय मंत्रियों के दौरों को छत्तीसगढ़ के आने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। सीएम भूपेश सहित कांग्रेस के नेता लगातार इसे राजनीतिक दौरा भी बता रहे हैं।