एक अकेला Ravichandran Ashwin! जिसके आगे ऑस्ट्रेलिया हो गया नतमस्तक

Ravichandran Ashwin alone! before which Australia bowed down
Ravichandran Ashwin alone! before which Australia bowed down
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नई दिल्ली. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही टेस्ट सीरीज को मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी क्रिकेट जंग माना जाता है. दोनों बेहतरीन टीमें, बेहतरीन खिलाड़ियों से सजी हुईं जो मैदान पर जीत के लिए पूरी जान लगा रही हैं. खेल के साथ-साथ जुबानी जंग का भी कहानी चल रही है. इस बार जब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू हुई तो बात ऑस्ट्रेलिया की साख की थी, क्योंकि वह नंबर-1 टेस्ट टीम है. लेकिन पिछले दो दशक से भारत में जीत नहीं पाई है.

भारत आने से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम के मन में एक खौफ था, जो रविचंद्रन अश्विन को लेकर था. भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में रविचंद्रन अश्विन नंबर-2 पर आते हैं, सबसे तेज़ 450 टेस्ट विकेट लेने के मामले में वह नंबर-1 पर आते हैं. टर्निंग पिचों पर रविचंद्रन अश्विन को खेल पाना सबसे मुश्किल है.

अश्विन की मास्टरक्लास कैसे पिच पर अपना काम करती है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सीरीज शुरू होने से पहले एक डुप्लीकेट अश्विन को हायर किया था, ताकि वह कुछ समझ पाएं. ऑस्ट्रेलिया का ये पैंतरा फेल साबित हुआ और असली अश्विन के सामने वह टिक नहीं पाए.

रविचंद्रन अश्विन की मास्टरक्लास
नागपुर की पिच को लेकर कहा गया कि यह स्पिनर्स के लिए मददगार है और ऐसा दिखा भी. दोनों ही टीमों की ओर से स्पिनर्स ने इस मैच में सबसे ज्यादा विकेट लिए. लेकिन रविचंद्रन अश्विन यहां किस तरह अलग हो गए? नागपुर टेस्ट मैच के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि अश्विन कहां सबसे आगे निकल गए.

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ऑस्ट्रेलिया के दो ऑफ स्पिनर्स ने नागपुर टेस्ट में 8 विकेट लिए, इधर रविचंद्रन अश्विन ने अकेले ही इस मैच में आठ विकेट ले लिए. नाथन लायन और टॉड मर्फी ने पूरे मैच में 96 ओवर डाले और करीब 72 बॉल प्रति विकेट के हिसाब से बॉलिंग की. लेकिन रविचंद्रन अश्विन के साथ ऐसा नहीं था, उन्होंने करीब 28 ओवर ही डाले और उन्हें एक विकेट के लिए 21 बॉल फेंकनी पड़ीं.

रविचंद्रन अश्विन और ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स एक ही पिच पर बॉलिंग कर रहे थे, फिर इसमें अलग क्या हुआ? यहां ये तर्क काम करेगा कि रविचंद्रन अश्विन को भारतीय पिचों का काफी अनुभव है, वह 50 से ज्यादा टेस्ट मैच यहां खेल चुके हैं. लेकिन नागपुर टेस्ट में अश्विन के बॉल करने के तरीके ने बता दिया कि वह यहां क्यों सफल साबित हुए.

रविचंद्रन अश्विन (PTI)
इस मैच में रविचंद्रन अश्विन ने अधिकतर बॉल फुल लेंथ पर फेंकी, ताकि बल्लेबाज ड्राइव के लिए आ सकें. अश्विन ने खुद बताया कि ऐसा करना क्यों ज़रूरी थी. रविचंद्रन अश्विन ने मैच के बाद रवि शास्त्री से बात करते हुए कहा कि यह पिच काफी स्लो थी, इसलिए ये जरूरी था कि बल्लेबाज को ड्राइव करने के लिए बुलाया जाए. मेरे लिए यही बेहतर था कि मैं कुछ बॉल ऐसी डालूं जो ड्राइव वाली हों, जहां पिच पर कैरी और बाउंस कुछ हदतक लो हो तो यही काम आता है.

आंकड़ों के किंग बने रविचंद्रन अश्विन
अश्विन ने इस मैच में कुल 8 विकेट झटके, दूसरी पारी में उन्होंने पांच विकेट निकाले. टेस्ट क्रिकेट में यह 31वां मौका था, जब अश्विन ने किसी एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए हों. भारत के लिए 89 मैच में वह अभी तक 457 विकेट ले चुके हैं, टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज़ 450 विकेट लेने वाले खिलाड़ी भी बने हैं.

किसी एक पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लेने के मामले में वह भारत की ओर से दूसरे सफल प्लेयर हैं. अनिल कुंबले ने 35 बार यह कारनामा किया, जबकि रविचंद्रन अश्विन 31 बार ऐसा कर चुके हैं. भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में भी वह नंबर-2 पर हैं. अनिल कुंबले के नाम 132 टेस्ट में 619 विकेट हैं, जबकि अश्विन के नाम सिर्फ 89 मैच में 457 विकेट हैं.