मधेपुरा. इन दिनों बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री काफी बढ़ गई है. ऐसे में कभी-कभी सावधानी नहीं बरतने की वजह से रजिस्ट्री कराने के बाद भी लोगों को कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि इस तरह की कोई परेशानी आपके साथ ना हो, तो यह खबर आपके काम की है. जमीन की रजिस्ट्री कराना चाह रहे हैं या करवाने के लिए जिला निबंधन कार्यालय जा रहे हैं, तो उससे पहले यह पूरी प्रक्रिया कर लीजिए, नहीं तो परेशानी हो सकती है. जिला अवर निबंधक संजय कुमार से जानेंगे पूरी प्रक्रिया.
रजिस्ट्री कार्यालय में कर लें जमीन की जांच
अवर निबंधक संजय कुमार बताते हैं कि सबसे पहले खरीदार को यह पता लगा लेना चाहिए कि जो जमीन वह खरीद रहे हैं, विक्रेता के नाम से उसकी जमाबंदी कायम है या नहीं. या फिर यह जमीन उनकी कैसे हुई. वंशावली के आधार पर या फिर अन्य तरीके से. जमीन की खरीद-बिक्री पर कोई रोक तो नहीं है. यह जानने के लिए खरीदार निबंधन कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. इसके बाद उस जमीन का स्वयं मूल्यांकन करें या फिर निबंधन कार्यालय या किसी अधिवक्ता की भी मदद ले सकते हैं. इसके लिए निबंधन कार्यालय के वेबसाइट पर भी एमवीआर उपलब्ध है. इस प्रक्रिया पूरी होने के बाद बिना किसी बिचौलिए के फेर में फंसे सीधे कार्यालय से संपर्क कर मॉड्यूल पेपर प्राप्त कर उसी दिन निबंधन करा सकते हैं.
गलत जानकारी देने पर होगी कार्रवाई
उन्होंने बताया कि राजस्व चोरी करने के उद्देश्य से कभी-कभार गलत दस्तावेज या फिर कम मूल्यांकन कर रजिस्ट्री करवाने का प्रयास किया जाता है. लेकिन इस दौरान पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाती है. रजिस्ट्री से पहले अपना, विक्रता, गवाह और शिनाख्तकर्ता का आधार कार्ड या पहचान-पत्र लेकर आएं. पेनकार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जब आप अपनी जमीन के लिए कागजात बनवाते हैं तो आपको नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी बनवाना होता है. प्रॉपर्टी टैक्स का करंट रसीद भी होना चाहिए.