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गुरुग्राम। गुरुग्राम की सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। इसकी शिकायत के बाद गुरुग्राम नगर निगम विजिलेंस की जांच में 10 सड़कों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल होने का खुलासा हुआ है। विजिलेंस टीम ने इस मामले में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट करने, आउटसोर्स कर्मचारियों को निगम से बाहर निकालने और ठेकेदारों से करोड़ों रुपयों की वसूली के लिए लिखा है।
जांच में सामने आया कि जिन सड़कों का बिल के भुगतान के समय नमूने पास दिखाए गए थे, विजिलेंस जांच में उनके सैंपल फेल मिले। निगम अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत भी सामने आई है। नगर निगम में घटिया निर्माण सामग्री और कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर बीते दो साल में निगम की विजिलेंस के पास 60 से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं। इनमें से निगम ने करीब 10 सड़कों की जांच पूरी कर ली है। मिलीभगत से सड़कों के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया। इनके निर्माण में मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है। जब इन सड़कों के निर्माण कार्य के बिलों का भुगतान किया गया उस समय सभी कार्यों के नमूने पास दिखाए गए थे। शिकायत के बाद विजिलेंस के सामने उसी लैब से इन कार्यों की जांच की गई तो सभी के नमूने फेल आए हैं।
अधिकारियों पर होगी कार्रवाई : 10 सड़कों के नमूने फेल होने के बाद अब एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों के खिलाफ अंडररूल सात के तहत चार्जशीट करने की सिफारिश की है।
निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल
जिन दस सड़कों के सैंपल पहले पास थे और विजिलेंस जांच में फेल आए हैं, उनमें से सेक्टर-38 में करीब सवा करोड़ रुपये की लागत से तारकोल की दो सड़कों का निर्माण किया गया था। गांव नाथूपुर में एक करोड़ रुपये की लागत से दो आरएमसी की सड़कों का निर्माण किया गया था। बिलों के भुगतान के समय इनके नमूने पास थे, लेकिन विजिलेंस जांच में फेल मिले। इसी तरह अन्य सड़कें भी हैं।
गुरुग्राम के एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर रोहताश बिश्नोई ने कहा, ”अभी तक की जांच में करीब दस सड़कों के निर्माण कार्य निम्न स्तर के मिले हैं। इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। निगम के राजस्व का जो नुकसान हुआ है उसे ठेकेदारों से वसूल किया जाएगा।” गुरुग्राम नगर निगम के चीफ इंजीनियर राधे श्याम ने कहा, ”निर्माण कार्यों के दौरान अधिकारियों को भी निगरानी करने और जांच करने के निर्देश पहले से ही दिए हुए हैं। अगर इसमें कोई लापरवाही बरती जा रही है तो अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।”