Samrat Prithviraj Movie Review: शौर्य गाथा देख रगों में भर जाएगा जोश

Samrat Prithviraj Movie Review: The saga of bravery will fill the veins
Samrat Prithviraj Movie Review: The saga of bravery will fill the veins
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Samrat Prithviraj Movie Review and Rating in Hindi: भारत वीरों की भूमि है और इस भूमि की वीरागाथाएं समस्त विश्व ने सुनी हैं। समय समय पर इन वीरगाथाओं को पर्दे पर लाया गया ताकि नई पीढ़ी अपने योद्धाओं के शौर्य से रूबरू हो सके। आज यानी 3 जून को भारत के महान योद्धा सम्राट पृथ्वीराज चौहान की वीरता और शौर्य की कहानी दुनिया देखने जा रही है। पद्मश्री से सम्मानित डायरेक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन और यशराज बैनर तले बनी फिल्म सम्राट पृथ्वीराज रिलीज हो रही है। यह फिल्म हिंदी के अलावा तेलुगु और तमिल भाषा में उपलब्ध है।

इस मोस्ट अवेटेड पीरियड एक्शन ड्रामा फिल्म में सुपरस्टार अक्षय कुमार लीड रोल यानी सम्राट पृथ्वीराज चौहान के किरदार में हैं जबकि पूर्व मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने इस फिल्म से और संयोगिता के रोल से सिनेमाई दुनिया में पर्दापण किया है। अभिनेता संजय दत्त काका कान्हा के किरदार में, सोनू सूद चंदवरदाई, मानव विज मोहम्मद गौरी और आशुतोष राणा कन्नौज के राजा जयचंद के किरदार में हैं।

Samrat Prithviraj Movie Story In Hindi ( सम्राट पृथ्वीराज मूवी स्टोरी )

इस फिल्म की कहानी महाकाव्य पृथ्वीराज रासो पर आधारित है। इसमें महानता की प्रतिमूर्ति सम्राट पृथ्वीराज चौहान के संपूर्ण जीवन का वर्णन मिलता है। फिल्म में उनकी वीरता एवं संघर्ष के साथ ही संयोगिता के साथ उनके प्रेम और विवाह को बड़ी खूबसूरती के साथ फिल्माया गया है। फिल्म में तराइन के युद्ध को दिखाया गया है जिसमें सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने मुस्लिम आक्रमणकारी मोहम्मद गोरी को शिकस्त दी थी। इस युद्ध में मोहम्मद गोरी की सेना भाग खड़ी हुई थी। फिल्म दिखाती है कि मोहम्मद गौरी को सम्राट पृथ्वीराज ने युद्ध में कैसे हराया।

Samrat Prithviraj Movie Review In Hindi ( सम्राट पृथ्वीराज मूवी रिव्यू)

सम्राट पृथ्वीराज सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक महान राजा के जोश, जुनून और संघर्ष की असल कहानी है। चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने इस कहानी में इमोशन, रोमांस और एक्शन का तड़का लगाकर फिल्मी पर्दे के लिहाज से मनोरंजक बनाया है। उस दौर को दिखाने के लिए महलों के भव्य सेट, पोशाक, शूटिंग की लोकेशन आपको सम्राट पृथ्वीराज चौहान के जमाने में ले जाती है। मुंबई के बोरिवली के सिंटे ग्राउंड में दिल्ली, राजस्थान और कन्नौज के सेट बनाए गए। इन्हें अलग अलग दिखाने को चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने दिल्ली के महलों को लाल, राजस्थान के लिए पीला औश्र कन्नौज के लिए उजला रंग इस्तेमाल किया। 300 करोड़ के बजट से बनी इस फिल्म में एक्शन सीन जबरदस्त हैं। फिल्म में अक्षय कुमार शेरों से भिड़ते नजर आ रहे हैं। ये शेर वीएफएक्स से नहीं बनाए गए हैं, बल्कि असली हैं। क्रू मेंबर्स इस सीन के लिए अफ्रीका गए थे और वहां प्रशिक्षित शेरों के साथ मनमुताबिक सीन शूट किए गए। क्रोमा के माध्यम से शेरों की एक्टिविटी को शूट किया गया और मुंबई आकर अक्षय के उसे क्रोमा के जरिए मैच किया गया।

यह दृश्य आपकी रगों में जोश भरने का काम करता है और युद्ध के समय हर हर भोलेनाथ के नारे दर्शकों को उत्साहित कर देते हैं। बैकग्राउंड म्यूजिक का भी कोई मुकाबला नहीं है। अब बात करते हैं अदाकारी की। अक्षय कुमार इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी हैं। उन्हें पृथ्वीराज के रूप में तैयार तो किया गया लेकिन पर्दे पर उन्हें देखकर सम्राट पृथ्वीराज जैसा एहसास नहीं हो पाता है। वे पर्दे पर अक्षय ही दिखे हैं, हालांकि दमदार डायलॉग और एक्शन की वजह से फिल्म बोर नहीं करेगी। वहीं संयोगिता के रूप में मानुषी छिल्लर का काम सादगी भरा है।

मानुषी ने अपनी पहली फिल्म के हिसाब से एक्टिंग से लेकर एक्सप्रेशन तक हर चीज में 100 प्रतिशत देने की कोशिश की है। संजय दत्त का कैमियो काबिलेतारीफ है, सोनू सूद, मानव विज और आशुतोष राणा अपने रोल में छाए नजर आए हैं। सपोर्टिंग कास्ट ने फिल्म को सशक्त बनाने का काम किया है। अगर सपोर्टिंग कास्ट को हटा दें या इस चयन में हल्की सी गलती रह जाती तो फिल्म का पूरा मजा किरकिरा होने में देर नहीं लगती। फिल्म का संगीत मनमोहक है और स्थिति एवं आवश्यकता के अनुसार गाने पूरा आनंद देते हैं।