जेल से बाहर आए संजय सिंह, सुप्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह छह महीने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को उन्हें जमानत दी थी और आज सुबह ही ट्रायल कोर्ट में जमानत की शर्तें तय हुई थी।

आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य और नेता संजय सिंह तिहाड़ जेल से 181 दिन बाद बाहर आ गए हैं। उन्हें बुधवार देर शाम साढ़े आठ बजे रिहा किया गया। इससे पहले काेर्ट का आदेश जेल प्रशासन को प्राप्त हुआ और करीब एक घंटे की कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें रिहा किया गया। इस दौरान जेल के बाहर आप कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रही। लोगों ने काफी देर तक नारे लगाए।

जेल से बाहर आते ही संजय सिंह का पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल और मालाओं पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान संजय सिंह कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील करते दिखें। उन्होंने आक्रामक अंदाज में केंद्र सरकार हमला बोलते कहा कि यह संघर्ष करने का समय है। जेल के ताले टूटेंगे, मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन जेल से छूटेंगे। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सिंह को बीते साल अक्तूबर में गिरफ्तार किया गया था। छह महीने जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें जमानत दी है।

सिंह ने जेल से रिहा होने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, यह समय जश्न मनाने का नहीं है। यह वक्त संघर्ष करने का है। हमारी पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल में रखा गया है। हमें पूरा भरोसा है कि इस जेल के ताले टूटेंगे और अरविंद केजरीवाल छूटेंगे। वह जेल से रिहा होने के बाद सबसे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल के घर गए। वहां वह उन्होंने सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की है। बता दें कि संजय सिंह को दो लाख के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानती का इंतजाम करने पर दिल्ली शराब घोटाले के मामले में मंगलवार को जमानत मिली है।

सौरभ भारद्वाज बोले- हमारा संघर्ष जारी रहेगा
जेल से बाहर आने पर आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संजय सिंह अभी जेल से बाहर आए हैं। यहां मौजूद हजारों कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया है। संजय सिंह ने कहा है कि यह वक्त जश्न मनाने का नहीं है। बल्कि संघर्ष करने का है। जब तक हमारे नेता बाहर नहीं आ जाते हैं तब तक हम जश्न नहीं मनाएंगे और हम संघर्ष करते रहेंगे।

आतिशी बोलीं- सच्चाई की जीत हुई
सांसद संजय सिंह के तिहाड़ जेल से बाहर आने पर दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। पिछले दो सालों से एजेंसी फर्जी शराब नीति मामले की जांच कर रहे है। ईडी ने कई छापे मारे। लेकिन अभी तक एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ है। उन्हें भ्रष्टाचार का पैसा नहीं मिला है।

संजय सिंह के समर्थक खुश
सांसद संजय सिंह लिवर से जुड़ी बीमारी के इलाज के लिए आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल में लिवर की बायोप्सी की गई है। इस जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे का इलाज होगा। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से जमानत की खबर सुनने के बाद संजय सिंह के समर्थक ढोल के साथ उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। यहां उन्होंने संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह को शुभकामनाएं दीं।

संजय सिंह की पत्नी बोलीं- अभी संघर्ष जारी
पत्नी ने कहा कि यह संघर्ष लंबा है और आगे भी इसी तरह से जारी रहेगा। जब तक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन जेल से बाहर नहीं आ जाते, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। संजय सिंह के बाहर आने का हम जश्न नहीं मना रहे हैं। जमानत के लिए हम अदालत को धन्यवाद देते हैं। संभावना है कि संजय बुधवार को घर आ जाएंगे।

केजरीवाल-सिसोदिया के मामले में भी लाभ नहीं
संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद माना जा रहा था कि इसी मामले में जेल में बंद चल रहे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भी इसका लाभ मिल सकता है। लेकिन अदालत ने यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि संजय सिंह को जमानत कोई नजीर नहीं बनेगी। यानी इसी आधार पर अरविंद केजरीवाल या मनीष सिसोदिया की रिहाई की मांग नहीं की जा सकेगी।

साथ ही, यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि संजय सिंह को जमानत मिलने के बाद भी इस केस की मेरिट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यानी संंजय सिंह पर मामला चलता रहेगा और इस मामले में प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर उसकी सुनवाई जारी रहेगी।

संजय सिंह को इन शर्तों के साथ रिहाई
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सांसद व आप नेता संजय सिंह पर विशेष अदालत ने कई शर्तें लगाई है। राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने उन्हें निर्देश दिया कि वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों को भी प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर जाने पर अपना लोकेशन जांच अधिकारी से साथ साझा करेंगे। उसके अलावा अपने कार्यक्रम की जानकारी भी देंगे। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के बाद उनपर शर्त लगाने की जिम्मेवारी निचली अदालत पर छोड़ दी थी।