उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की रफ्तार तीन गुना बढ़ी, नैनीताल के बाद इस जिले में ज्यादा घटनाएं

The rate of forest fire in Uttarakhand increased three times, more incidents in this district after Nainital
The rate of forest fire in Uttarakhand increased three times, more incidents in this district after Nainital
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देहरादून: उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर जंगल जल रहे हैं। इस साल वनाग्नि के अलावा आबादी वाले क्षेत्रों में भी अग्निकांड के मामले काफी बढ़े हैं। कुल मिलाकर पूरे राज्य में पिछले साल के मुकाबले तीन गुना से अधिक अग्निकांड के मामले दर्ज किए गए हैं। नासा-विजिबल इन्फ्रारेड इमेजिंग रेडियोमीटर सुइट (वीआईआईआरएस) के डेटा से इस बात की पुष्टि हुई है।

पर्यावरण के विविध पहलुओं पर पूरे भारत में काम कर रही संस्था क्लाइमेट ट्रेंडस ने नासा से प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर बताया कि उत्तराखंड में पिछले वर्ष मार्च और अप्रैल में आग लगने की 1850 घटनाएं दर्ज हुईं, वहीं इस साल इसी अवधि में यह बढ़कर 6295 तक पहुंच गई। संस्था की रिसर्च लीड डॉ.पलक बालियान ने बताया है कि पिछले दो वर्ष (2023-2024) में दो माह (मार्च-अप्रैल) का उत्तराखंड अग्नि गणना डेटा बताता है कि आग लगने की घटनाओं में सर्वाधिक प्रभावित जिला नैनीताल, चंपावत, अल्मोड़ा, पौड़ी और पिथौरागढ़ हैं।

हरिद्वार को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में मार्च-अप्रैल महीने में 2023 की तुलना में 2024 में आग की घटनाएं बढ़ी हैं। खासकर पिछले साल अप्रैल माह में आग की घटनाएं जहां 1046 थी, वह इस साल अप्रैल में बढ़कर 5710 तक यानि लगभग पांच गुना हो चुकी हैं।

प्रतिकूल परिस्थितियां जैसे आर्द्रता का स्तर, लंबे समय तक शुष्क दौर, उच्च तापमान, हवा की दिशा, वर्षा का समय और मानवीय गतिविधियां अग्नि दुर्घटनाओं की वजह बन रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में बदलती जलवायु परिस्थितियों ने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। तकनीकी माध्यमों की सहायता से विगत कुछ सालों में जंगल की आग को तुरंत और सटीक रूप से पहचानने में मदद की है, इसलिए भी अधिक घटनाएं दर्ज हुई हैं।
कपिल कुमार जोशी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पर्यावरण) उत्तराखंड

नैनीताल में छाई नीली धुंध
हल्द्वानी। कुमाऊं में जंगल जलने का सिलसिला जारी है। रविवार को भी अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और नैनीताल में वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं। उधर, जंगल जलने से नैनीताल की हवा खराब होने लगी है। यहां हल्के नीचे रंग की धुंध छा गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 तक पहुंच गया है।

मार्च-अप्रैल का जिलेवार अग्निकांड का आंकड़ा
जिला 2023 2024
अल्मोड़ा 299 909
बागेश्वर 75 224
चमोली 99 293
चम्पावत 120 1025
देहरादून 48 62
पौड़ी 378 742
हरिद्वार 42 25
नैनीताल 207 1524
पिथौरागढ़ 213 615
रूद्रप्रयाग 31 117
टिहरी 115 380
यूएस नगर 183 290
उत्तरकाशी 40 89