Mocha Cyclone Update 2023: बांग्लादेश-म्यांमार के तटों पर तबाही मचा रहे ‘मोका’ को पिछले दो दशकों का सबसे शक्तिशाली चक्रवात बताया जा रहा है, यानी पिछले 20 सालों में बांग्लादेश में अब तक ऐसा कोई खतरनाक चक्रवात नहीं आया है. अब तक की खबर के मुताबिक ‘मोका’ का बांग्लादेश और म्यांमार के तटीय इलाकों से टकराना शुरू हो चुका है. इससे पहले यह तेज होकर 5वीं श्रेणी के तूफान में बदल गया था. चक्रवात की वजह से इन इलाकों में भारी बारिश हो रही है. इसके अलावा 195 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. अनुमान है कि इसकी वजह से बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में खतरनाक बाढ़ आ सकती है.
इन इलाकों में तबाही
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘मोका’ बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी सीमावर्ती कॉक्स बाजार जिले को प्रभावित कर सकता है. गौरतलब है कि इस इलाके में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं. मौसम विभाग की ओर से कहा गया है कि चक्रवात कॉक्स बाजार से 250 किलोमीटर दूर है और अब तट को पार कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक तेज हवाओं की वजह से 8-12 फुट की लहरें उठ सकती हैं. इसकी वजह से कॉक्स बाजार और चटगांव के निचले इलाकों में पानी भर सकता है. वहीं 5 से 7 फुट ऊंची लहरें उठने से फेनी, नोआखली, लक्ष्मपुर, चांदपुर और भोला के निचले इलाकों में बाढ़ आने की आशंका है.
आया खतरे का ‘तूफान’
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ‘मोका’ लगभग दो दशकों में बांग्लादेश में आए सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से एक है. वर्तमान समय में यह चौथी और पांचवीं श्रेणी के तूफान के बराबर तीव्र हो गया है. खबर है कि लगभग 5 लाख लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. तूफान से निपटने की तैयारी के तौर पर बांग्लादेश ने प्रभावित क्षेत्र के पास के हवाई अड्डों को बंद कर दिया है. मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और सहायता कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कई टन सूखे खाद्य पदार्थ की व्यवस्था की है और रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में दर्जनों एंबुलेंस और मोबाइल मेडिकल दलों को तैयार रखा है.
भूस्खलन की चेतावनी
अधिकारियों को डर है कि ‘मोका’ की वजह से ऊंची लहरें उठ सकती हैं जिससे बाढ़ आ सकती है और भूस्खलन हो सकता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने चेतावनी दी है कि चक्रवात बांग्लादेश और म्यांमार के तटों के आसपास भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनेगा. हालांकि, बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक मोहम्मद अजीज-उर-रहमान ने कहा कि बांग्लादेश के लिए खतरा कम हो गया है. उन्होंने कहा कि म्यांमार और उसके दक्षिणी क्षेत्र के लिए खतरा ज्यादा हो सकता है.