Top Gun- Maverick Review: परदे पर Tom Cruise ने दिखाई असली ‘हीरोगीरी’

Top Gun- Maverick Review: Tom Cruise shows the real 'herogiri' on screen
Top Gun- Maverick Review: Tom Cruise shows the real 'herogiri' on screen
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देसी दर्शकों में से तमाम लोग वो अंडाकार, पीली चमकीली धातु का धूप का चश्मा अब भी कहीं अपनी अलमारी में सजाए होंगे, जिसका फैशन पहले पहल कोई साढ़े तीन दशक पहले आया। लोगों को पता भी नहीं होता था कि धूप का ये चश्मा ‘एविएटर’ कहलाता है। ना तब अंग्रेजी की फिल्में तुरंत ही हिंदुस्तान में रिलीज होती थी, होती भी थीं तो महीनों लग जाते थे, ऐसी फिल्मों को दिल्ली, मुंबई से निकलकर कानपुर, मेरठ जैसे शहरों तक पहुंचने में। लेकिन, टॉम क्रूज को सुपरस्टार बनाने वाली फिल्म ‘टॉप गन’ ने इन ‘एविएटर’ का फैशन पूरी दुनिया में पहुंचाया। टॉम क्रूज को अब हिंदुस्तान का भी हर सिनेमाप्रेमी किशोर, युवा और उनके साथ साथ बड़ा होता दर्शक पहचानता है। उनकी नई फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ एक नॉस्ताल्जिया है। एक ऐसे नायक को 35 साल बाद फिर से परदे पर देखने की यादगार तस्वीर जिसने हवाई कलाबाजियों का एक नया पैमाना तय कर दिया था।

जमाने से कदमताल करती फिल्म
फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ की कहानी ही इसकी जान है। फिल्म की पटकथा का विस्तार आपको आखिर तक बांधे रखता है। ये फिल्म हर उस इंसान को देखनी बहुत जरूरी है जिसे लगता है वह ‘मिडलाइफ क्राइसिस’ से गुजर रहा है। जमाना एक्शन फिल्मों का है। करण जौहर तक को ये समझ आ चुका है। बस फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ ये बताती है कि अगर आपके पास अच्छी कहानी हो, इस पर कमाल की पटकथा लिख सकने वाले लोग हों और फिर इस कल्पना को परदे पर हू ब हू उतार देने वाली टीम हो तो आप अब भी टॉम क्रूज के साथ चमत्कार कर सकते हैं। अपनी ‘मिशन इंपॉसिबल’ और ‘जैक रीचर’ फ्रेंचाइजी सीरीज की तरह ‘टॉप गन’ को भी एक फ्रेंचाइजी में बदलते देखना अच्छा लगता है।

इस कहानी में जान है
पीट मिशेल फिर मैवरिक बनकर लौटा है। 30 साल का लंबा अरसा बीत चुका है लेकिन फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ में उसे उस्ताद की जिम्मेदारी निभानी है। पुराने दोस्त की यादें अब भी उसके दिल को कचोटती हैं। वह हादसा अब भी उसे भुलाए नहीं भूलता। और, अब उसके सामने अपने उसी अजीज का बेटा। मामला बहुत भावुक हो चलता है। लेकिन, फाइटर पायलट्स का बस एक ही ध्यान है और वह है निशाने को भेदना। हवा में अपने करतबों से सामने वाले को हतप्रभ करना और जब जान की बाजी लगाने का मौका आए तो इसके लिए पलक झपकते ही फैसला लेना।

बड़े परदे का असली मजा
फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ को देखना एक दिलचस्प अनुभव है। बड़े विशाल परदे पर आसमान पर जो कुछ घटते दिखाया जाता है, वह अविश्वसनीय दिखता है लेकिन टॉम क्रूज है तो सब मुमकिन है। उन्होंने अपनी विरासत इसी तरह के सिनेमा से बनाई है। क्लोजअप शॉट्स में हालांकि उनकी उम्र दिखती है। ये भी दिखता है कि वह अपना चेहरा सुंदर बनाए रखने के लिए जो कुछ भी उपाय कर रहे हैं, वे प्राकृतिक नहीं हैं। लेकिन, वह टॉम क्रूज हैं तो सब माफ है। उनका बाइक लेकर एयरस्ट्रिप पहुंचने का अंदाज, समंदर किनारे वॉलीबाल खेलने के बीच रुककर सांसें बटोरने की अदा और रूमानी एहसासों को आंखों से कह जाने की कला बेमिसाल है। अपने यहां के 50 साल के ऊपर हो चले अभिनेताओं को ये फिल्म देखनी चाहिए और समझना चाहिए कि असली ‘हीरोगिरी’ में मेहनत कितनी लगती है।

देखें कि न देखें
टॉम क्रूज की फिल्म ‘टॉप गन: मैवरिक’ इस सीजन की एक बेहतरीन हॉलीवुड फिल्म है। मार्वल सिनेमैटिक यूनीवर्स की पिछली फिल्म से दुखी दर्शकों के लिए भी रोमांच, रफ्तार और जिंदादिली की कहानी का बढ़िया तोहफा है। फिल्म में बाकी कलाकारों ने भी अच्छा साथ निभाया है। फिल्म के हीरो भले टॉम क्रूज हों, लेकिन इस फिल्म को ये बेहतरीन अंदाज देने का पूरा क्रेडिट इसके निर्देशक जोसेफ कोसिन्स्की को जाता है। सिनेमैटोग्राफी, स्पेशल इफेक्ट्स सब शानदार हैं। बस फिल्म का रूमानी पहलू पहले वाली फिल्म से कमजोर है और म्यूजिक भी ‘टॉप गन’ से उन्नीस ही रह गया है। लेकिन, इस सबके बाद भी इसे मिस मत करिएगा। इस वीकएंड के लिए ये एक बेहतरीन फिल्म है।