आगरा। आगरा में एसीपी छत्ता की पेशी में तैनात सिपाही राघवेंद्र सिंह के कमरे में शुक्रवार को हमीरपुर की रहने वाली शोभा (22) की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। सिपाही उसे एत्माद्दौला क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कराने ले गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। इससे सिपाही भाग निकला। शोभा गुरुग्राम के किडनी केयर हाॅस्पिटल में नौकरी करती थी। परिजन को सूचना दी गई है। आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। हालांकि कमरे की तलाशी में सुसाइड नोट नहीं मिला है। उधर, सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
सिपाही राघवेंद्र सिंह मूल रूप से झांसी का निवासी है। वह बेलनगंज स्थित एसीपी छत्ता पेशी कार्यालय के पास ही कमरा किराये पर लेकर रह रहा था। वह वर्ष 2019 बैच का सिपाही है। एसीपी आरके सिंह ने बताया कि शोभा हमीरपुर के थाना जरिया स्थित जमखरी की रहने वाली थी।
जांच में पता चला कि शोभा से सिपाही की जान पहचान थी। सिपाही शुक्रवार सुबह 9:30 बजे कार्यालय आया था। 15 मिनट बाद कमरे पर जाने की कहकर चला गया। बाद में उसने सिपाही आकाश को फोन किया। बताया कि उसकी दोस्त बृहस्पतिवार को कमरे पर रुकी थी। उसने फांसी लगा ली है। वह उसे गोयल हाॅस्पिटल लेकर आया है। डाॅक्टर ने मृत घोषित कर दिया है।
पुलिस के पहुंचने पर नहीं मिला सिपाही
युवती की मौत की सूचना पर थाना एत्माद्दौला पुलिस पहुंच गई। मगर, अस्पताल में सिपाही नहीं मिला। वह भाग चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बाद में सिपाही के कमरे की तलाश ली गई। वहां एक तार मिला। इससे आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलन किया। सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ।
परिजन तहरीर देंगे तो होगा मुकदमा
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि सिपाही फरार है। इस संबंध में एसीपी की रिपोर्ट के बाद सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। युवती के परिजन को सूचना दी गई है। वह हमीरपुर से आगरा के लिए चल दिए हैं। पता चला है कि युवती और सिपाही के बीच आसपास के जिलों के होने के कारण जान पहचान थी। सिपाही ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया है। मृतका के परिजन जो तहरीर देंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डाॅक्टर के पैनल से शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। वीडियोग्राफी भी होगी।
फोन पर सुनते ही परिजन अचंभित
एसीपी छत्ता ने बताया कि परिजन को फोन पर शोभा की मौत की जानकारी दी थी। इस पर वो अचंभित रह गए। वह कह रहे थे कि बेटी गुरुग्राम के अस्पताल में नौकरी करती थी। आगरा कैसे पहुंच गई? यह पता नहीं था। खबर लिखे जाने तक परिजन आगरा नहीं आए थे। पुलिस इंतजार कर रही थी।
ये उठ रहे सवाल
– युवती सिपाही के कमरे पर रुकी थी। किसी ने उसे नहीं देखा था। वह आखिर कब आई?
– फंदे पर युवती को लटके हुए किसी ने नहीं देखा था। सिपाही ने ही फोन करके फंदे से लटके होने के बारे में बताया था। आखिर मौत कैसे हुई?
– सिपाही अपने परिचित की गाड़ी से युवती को अस्पताल ले गया था। वह परिचित कौन है? उससे पूछताछ होनी चाहिए।
– युवती ने आत्महत्या की होगी तो आखिर इसकी वजह क्या रही?