उपेंद्र कुशवाहा अगले महीने छोड़ेंगे जेडीयू! फिर नीतीश कुमार का करेंगे नुकसान

Upendra Kushwaha will leave JDU next month! Will harm Nitish Kumar again
Upendra Kushwaha will leave JDU next month! Will harm Nitish Kumar again
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पटना: आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में फिर से उठापटक देखी जा सकती है। जेडीयू संसदीय बोर्ड के चेयरमैन और एमएलसी उपेंद्र कुशवाहा अगले महीने तक पार्टी छोड़ सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि उपेंद्र कुशवाहा एकबार फिर से अपनी पार्टी RLSP को खड़ा करने का काम करेंगे। RLSP का साल 2021 में नीतीश कुमार की जेडीयू में विलय कर दिया गया था। सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) RLSP को खड़ा करने के बाद भाजपा से गठबंधन की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा द्वारा मीडिया से यह कहना कि ‘कई टॉप जेडीयू नेता बीजेपी के संपर्क में हैं’ क्लियर दर्शाता है कि वह पार्टी छोड़ने के मूड में हैं।

उपेंद्र कुशवाहा हाल ही में देश की राजधानी स्थित AIIMS अस्पताल में रूटिन चेकअप के लिए भर्ती थे। यहां कई बीजेपी नेता (BJP Leaders) उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। तभी से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही जेडीयू छोड़ सकते हैं। रविवार को पटना पहुंचने पर जब मीडिया ने उनसे जेडीयू छोड़ने को लेकर सवाल किया तो उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा नेताओं से अस्पताल में उनकी मुलाकात को कम महत्व देने की बात कही। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों को ‘सियासी चश्मे से’ नहीं देखा जाना चाहिए।

क्यों नीतीश कुमार से नाराज हैं उपेंद्र कुशवाहा?
उपेंद्र कुशवाहा तभी से नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) से नाराज हैं, जबसे उन्होंने 2025 विधानसभा चुनाव के लिए तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। नीतीश कुमार ने राज्य में तेजस्वी यादव की अलावा एक और डिप्टी सीएम होने की बात पहले ही खारिज कर दी थी, जिससे भी कुशवाहा को झटका लगा था।

रविवार को नीतीश कुमार के बयान के बारे में पूछे जाने पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था, “यह सच है कि मैं अपने फैसला अकेले कर सकता हूं। मेरी पार्टी कई बार भाजपा के साथ गठबंधन कर चुकी है और कई बार एनडीए छोड़ चुकी है… जेडीयू के कई शीर्ष नेता भाजपा के टच में हैं।”

अभी बढ़ेगा ‘शब्दों का युद्ध’
सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच वाक-युद्ध बढ़ने की पूरी संभावना है। नीतीश द्वारा तेजस्वी (Tejashwi Yadav) को अपना उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद से उनके लिए जेडीयू में कुछ खास बचा नहीं है। वह जेडीयू में अपनी पार्टी के विलय के अपनी फैसले पर अफसोस कर रहे होंगे।