यूपी से लेकर उत्तराखंड तक जुड़े अर्बन नक्सल नेटवर्क के तार, एटीएस का संकेत साफ, जल्द होंगी गिरफ्तारियां

इस खबर को शेयर करें

लखनऊ: उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड तक अर्बन नक्सल का जाल फैला दिख रहा है। अर्बन नक्सलवाद के आरोप में छत्तीसगढ़ के रायपुर से गिरफ्तार प्रभा कुशवाहा और देवरिया से गिरफ्तार उसके पति बृजेश साहू एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। यूपी एटीएस के मुताबिक इस नेटवर्क के तार यूपी के कानपुर, प्रयागराज व गोरखपुर में वर्ष 2010 में दर्ज हुए तीन मुकदमों से जुड़े हैं। एटीएस को साल 2019 की रेड में बरामद हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कई और संदिग्धों के बारे में अहम जानकारियां हाथ लगी हैं, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं। इस नेटवर्क का एक बड़ा बेस कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी व उत्तराखंड के कुछ शहरों में भी होने की जानकारी हाथ लगी है।

साल 2010 में यूपी एसटीएफ ने प्रयागराज, गोरखपुर और कानपुर में छापेमारी कर नक्सलियों के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था। इसमें गोरखपुर से बिहार के मुजफ्फरपुर की हीरामणि मुंडा, कानपुर से उसके पति और पोलित ब्यूरो के टॉप नक्सली बच्चा प्रसाद, दीपक राम और कृपाशंकर, प्रयागराज से विश्व विजय व उसकी पत्नी सीमा आजाद को गिरफ्तार किया गया था। नेटवर्क की कमर टूटने के बाद भी यह धीरे-धीरे यूपी में पांव पसारता रहा। साल 2019 में नेटवर्क के बढ़ने की खबर लगने के बाद एटीएस ने सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर यूपी और एमपी में छापेमारी की थी।

एटीएस ने मनीष श्रीवास्तव और उसकी पत्नी रश्मि, बृजेश कुशवाहा, प्रभा कुशवाहा, दिनेश, ज्योत्सना उर्फ राजे और बिंदा उर्फ सोना उर्फ मंजू को नामजद किया था। एटीएस के मुताबिक मनीष और विश्व विजय करीबी रिश्तेदार हैं। वहीं, मनीष की पत्नी रश्मि छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार प्रभा की करीबी सहेली है। मनीष भोपाल में पहचान बदलकर भी रहा है। इस मामले में उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है।

मंजू साल 2010 में अरेस्ट किए गए कृपाशंकर की पत्नी है। इस मुकदमे में मनीष और उसकी पत्नी को एटीएस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। नामजद आरोपितों में बृजेश और प्रभा की भी गिरफ्तारी हो गई है। अब एटीएस बाकी आरोपितों और उनके नेटवर्क से जुड़े लोगों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है। फरेंसिक रिपोर्ट में मिले साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारियां की जाएंगी।