देहरादून: देहरादून में गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश ने शहर के कई इलाकों में आफत ला दी। शास्त्रीनगर खाला कांवली में नाले के उफान पर आने से सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। गांधी ग्राम में पुश्ता टूटने से आसपास के घरों को खतरा पैदा हो गया। नदियों के उफान पर आने से लोगों की पूरी रात दहशत में गुजरी। वहीं, सौड़ा-सरोली के सिरवालगढ़ में भारी बारिश से कई बीघा कृषि भूमि मलबे में दब गई। तीन घरों में भी मलबा घुस गया। लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई।
बृहस्पतिवार देर रात भारी बारिश ने शहर के कई क्षेत्रों में जमकर कहर बरपाया। बारिश के कारण नदी, नाले उफान पर आ गए। बरसाती नाले भी पूरी तरह से उफान पर आ गए। सड़कें भी पानी से लबालब हो गईं, इससे कई घरों, दुकानों में पानी और मलबा घुस गया। कांवली क्षेत्र के शास्त्रीनगर खाले में बरसाती नाले के उफान पर आने के कारण सैकड़ों घरों में पानी घुस गया। इससे लोगों का लाखों का सामान बर्बाद हो गया। वहीं, बंजारावाला क्षेत्र में बरसाती नाले में उफान पर आने के कारण तेज बहाव में एक कार बह गई।
कार सवार दो लोगों को समाजेसवी सुशील सैनी ने पड़ोसियों के साथ मिलकर निकाला। इसके अलावा पलटन बाजार, घंटाघर, हरिद्वार रोड, सहारनपुर रोड में भगत सिंह कॉलोनी, मन्नूगंज आदि इलाकों में भी घरों में पानी और मलबा घुस गया। इससे लोगों का लाखों का सामान बर्बाद हो गया। वहीं, गांधी ग्राम में भी पुश्ता ढहने के कारण नदी का पानी घरों की ओर बढ़ने लगा। इससे लोगों ने पूरी रात दहशत में गुजारी। रिस्पना और बिंदाल नदी भी पूरे उफान पर रही। इससे आसपास की बस्ती के लोग भी पूरी रात दहशत में रहे।
ग्राम पंचायत सौड़ा सरोली के ग्राम सिरवालगढ़ में भारी बारिश के कारण जयपाल सिंह, धन देई, शेर सिंह चंपा देवी, लक्ष्मण सिंह, मगनी देवी, बुध सिंह, चंदन सिंह ईश्वर संह आदि ग्रामीणों की लगभग 25 बीघा कृषि भूमि मलबे में दब गई। यहां तीन मकानों में भी मलबा घुस गया। मकानों में रह रहे लोगों ने भाग कर जान बचाई। लोगों ने शेर सिंह, अर्जुन सिंह और दीपक मनवाल के परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। शेर सिंह के घर का सारा सामान और राशन भी मलबे के साथ बह गया। धन सिंह देई की गोशाला व मकान भी खतरे की जद में हैं। वहीं, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना और राजकुमार ने सुबह प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और जिलाधिकारी व एसडीएम से वार्ता कर प्रभावितों को आपदा प्रबंधन मद से उचित मुआवजा देने की मांग की।
उन्होंने कहा कि शास्त्रीनगर खाले के साथ ही नदी, नालियों की नगर निगम की ओर से कई सालों से सफाई नहीं की है। इससे नदी, नालों में कई फुट कीचड़ और मलबा भर गया है। इससे बारिश होते ही यह नदी, नाले उफान पर आ जाते हैं और पानी लोगों के घरों तक पहुंच जाता है।