हिमाचल में बारिश ने मचाया कहर, जान-माल का भारी नुकसान

Rain wreaks havoc in Himachal, heavy loss of life and property
Rain wreaks havoc in Himachal, heavy loss of life and property
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शिमला: हिमाचल प्रदेश में गुरुवार रात और शुक्रवार दोपहर को कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। रामपुर में पांच जगह नेशनल हाईवे बंद रहा। भद्राश से लेकर रामपुर तक 20 किलोमीटर क्षेत्र में जगह-जगह चट्टानें गिरने से छह वाहनों को नुकसान हुआ है। नेशनल हाईवे पर मलबा गिरा। कई जगह बसें भी फंसीं रहीं। दोपहर बाद मार्ग बहाल हुआ। ब्रौनी नाले ने जमकर तबाही मचाई। नोगली में ढाबों और घरों में पानी और मलबा घुस गया। सिरमौर में 108 एंबुलेंस पर पत्थर गिरने से केबिन का शीशा टूट गया।

मनाली के 17 मील के नाले में भी बाढ़ आई। प्रदेश में पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें जिला मंडी में तीन, सिरमौर और ऊना में एक-एक मकान को नुकसान हुआ है। राजधानी शिमला में भी बादल झमाझम बरसे। कुल्लू जिले में 21 ट्रांसफार्मर बंद रहे। मनाली और लाहौल की ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ है। शनिवार को भी मैदानी और मध्य पर्वतीय 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है।

16 सितंबर तक प्रदेश में मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। बिजली गिरने से करीब 90 हजार के उपकरण जल गए हैं। शुक्रवार को प्रदेश भर में 21 सड़कें बंद रहीं। राजधानी शिमला में हुई भारी बारिश से कई सड़कों पर मलबा आने से यातायात प्रभावित रहा। वहीं, हिमाचल सचिवालय के कार्मिक विभाग में भी बरसाती पानी घुस गया।

एनएच-पांच पर भूस्खलन से सफर खतरनाक
रामपुर उपमंडल में अब एनएच-पांच पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। उपमंडल के विभिन्न स्थानों में पहाड़ी से एनएच-पांच पर भूस्खलन और पत्थरों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है। वीरवार और शुक्रवार को डैट ज्यूरी में भूस्खलन के कारण कई घंटों तक एनएच पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो सकी। लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण यहां खतरा बरकरार है।

भारी बारिश से झाकड़ी के साथ ब्रौनी खड्ड भी उफान पर है। इस कारण यातायात करने में लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ी।  शुक्रवार को भी ज्यूरी में एनएच-पांच पर पहाड़ी से बीच-बीच में भूस्खलन होता रहा। इस कारण लोगों को आवाजाही में परेशानियां झेलनी पड़ी। भूस्खलन के कारण मार्ग बाधित हो गया और सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।

एनएच प्राधिकरण की मशीनें और मजदूर जान जोखिम में डालकर एनएच को यातायात बहाल करने में जुटे हुए हैं। हालांकि बीच-बीच में वाहनों की आवाजाही तो हुई लेकिन पहाड़ी से अभी भी चट्टानें दरकने का खतरा बरकरार है। शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश से ब्रौनी खड्ड का जलस्तर काफी बढ़ गया और खड्ड के आसपास एनएच पांच पर मलबा ही मलबा भरा है।